डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश में मोहन यादव को सीएम बनाकर पार्टी ने सबको चौंका दिया है. इस फैसले के साथ ही प्रदेश की राजनीति से शिवराज सिंह चौहान का दबदबा खत्म होता दिख रहा है. अब सवाल है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह अब शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य का क्या फैसला लेते हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री को विधानसभा स्पीकर बनाया गया है और उनके कोटे से मंत्री पद खाली है. एक संभावना है कि उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, चौहान चुनाव नतीजे आने के बाद से कह रहे हैं कि वह प्रदेश में ही रहेंगे और लोकसभा चुनाव में 29 की 29 सीटें जीतने के लिए अभी से मेहनत करेंगे. प्रदेश में अभी सिर्फ एक सीट छिंदवाड़ा ही कांग्रेस के पास है. दूसरी ओर एक चर्चा यह भी है कि उन्हें पार्टी में बड़ा पद मिल सकता है.
शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य को लेकर बीजेपी आला कमान की ओर से अब तक कोई संकेत नहीं दिया गया है. मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो उनके लिए बीजेपी कई विकल्पों पर विचार कर रही है. शायद प्रदेश के पूर्व सीएम की एक्टिव पॉलिटिक्स की पारी अब खत्म हो चुकी है. उन्हें राज्यपाल बनाकर सम्मानजनक विदाई देने की भी तैयारी हो रही है. दूसरी ओर ऐसी चर्चा भी है कि उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है.
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पार्टी में मिल सकता है बड़ा पद
2018 के चुनाव नतीजों के बाद जब कांग्रेस सरकार में आई थी तो शिवराज सिंह चौहान को पार्टी उपाध्यक्ष बनाया गया था. कुछ ही दिनों में उन्हें बीजेपी सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी भी नियुक्त कर दिया गया था. ऐसी चर्चा है कि इस बार भी उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है. इसकी संभावना भी ज्यादा है क्योंकि खुद शिवराज बार-बार लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जिक्र कर रहे हैं. हालांकि, एक चर्चा यह भी है कि उन्हें राज्यपाल बनाकर प्रदेश से बाहर भेज दिया जाए जिसके लिए फिलहाल प्रदेश के पूर्व सीएम बिल्कुल तैयार नहीं दिख रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री बनाने की भी चर्चा
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय कृषि मंत्री थे और ऐसी चर्चा है कि उनकी जगह पर यह प्रभार शिवराज सिंह चौहान को मिल सकती है. असम के सीएम का पद जब हिमंता बिस्वा सरमा को दिया गया तो सर्वानंद सोनोवाल को केंद्रीय मंत्री की कुर्सी मिल गई. हालांकि, खुद पूर्व सीएम लगातार कह रहे हैं कि वह प्रदेश से बाहर नहीं जाना चाहते हैं. इसकी संभावना भी कम है कि वह केंद्रीय मंत्री का पद लें लेकिन बीजेपी आला कमान के फैसले पर ही अब सब कुछ निर्भर करता है.
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