डीएनए हिंदी: पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर महीने में उज्जैन के श्री महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. रविवार को आई तेज आंधी के बाद कॉरिडोर में लगाई गईं 6 मूर्तियां अपनी जगह से गिर गईं और टूट गईं. हादसे के वक्त कॉरिडोर श्रद्धालुओं से भरा था. अच्छी बात यह रही कि किसी को कोई चोट नहीं आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस कॉरिडोर को बनाने में 351 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. अब उज्जैन के जिलाधिकारी ने कहा है कि लापरवाही बरतने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और जिन मूर्तियों को नुकसान पहुंचा है उनकी जगह पर ठेकेदार नई मूर्तियां लगवाएंगे क्योंकि पांच साल तक देखरेख का जिम्मा उनका ही है.
उज्जैन के जिलाधिकारी ने स्वीकार किया कि मूर्तियों और गलियारे के काम में गुजरात की कंपनियों को लगाया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीने पहले 900 मीटर लंबे श्री महाकाल लोक कॉरिडोर के पहले चरण का लोकार्पण किया था. कुल 856 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में श्री महाकाल लोक को 351 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है. यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
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10 फीट ऊंची थीं मूर्तियां
डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने बताया, 'श्री महाकाल लोक कॉरिडोर में 160 मूर्तियां हैं, जिनमें से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं. ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किए गए सात सप्त ऋषियों में से हैं और करीब 10 फीट ऊंची थी. ठेकेदार नई मूर्तियां लगाएंगे क्योंकि पांच साल तक की देखरेख का जिम्मा भी उनका ही है. हम आगे के लिए भी नियम और सख्त कर रहे हैं और उनकी जवाबदारी तय करने वाले हैं.' पुरुषोत्तम ने स्पष्ट किया, 'गिरकर टूटी हुई मूर्तियां महाकाल मंदिर के अंदर नहीं थीं. वे श्री महाकाल लोक कॉरिडोर में थीं.'
उन्होंने कहा कि कॉरिडोर को आंधी-तूफान आने के बाद करीब शाम 4 बजे लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. उनके अनुसार, इसे शाम सात बजे फिर से आम जनता के लिए खोला गया और इस दौरान करीब एक लाख लोग वहां उमड़ पड़े. इसी बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की (भाजपा नीत) सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी.'
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कमलनाथ ने कहा, 'आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर (गलियारा) में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.'
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