Mahakumbh 2025: 'कुंभ में गैर-सनातनी न लगाएं दुकानें', संतों की मांग पर प्रशासन ने दिखा दिया ये कागज

Written By मीना प्रजापति | Updated: Nov 08, 2024, 08:03 PM IST

अखाड़ा परिषद ने मेले की सुचिता और शुद्धता को ध्यान में रखते हुए गैर-सनातनियों को खाने-पीने की दुकानें आवंटित न करने की मांग मेला प्रशासन से की थी. इस पर महाकुंभ मेला प्रशासन ने कहा है कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी.

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.  बीते दिनों अखाड़ा परिषद ने मेले की सुचिता और शुद्धता को ध्यान में रखते हुए गैर-सनातनियों को खाने-पीने की दुकानें आवंटित न करने की मांग मेला प्रशासन से की थी. इस पर महाकुंभ मेला प्रशासन ने कहा है कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी. यह बड़ा मेला है. यहां दुनिया भर से लोग आएंगे. इसलिए हम निविदा प्रक्रिया के आधार पर ही दुकानें आवंटित करेंगे. 

क्या बोला मेला प्रशासन?
कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होती हैं. इसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर कोई रोक नहीं है. हालांकि, अखाड़ा परिषद का मानना है कि मेले की शुचिता को ध्यान में रखते हुए गैर-सनातनियों को मेले में दुकानें नहीं देनी चाहिए. हालांकि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने शुक्रवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सभागार में बैठक के बाद एक बार फिर कहा कि हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है. हम सिर्फ शुचिता का ध्यान दे रहे हैं. अखाड़ा परिषद का कहना है कि हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो वायरल होने के बाद हमारी मांग है कि दुकानें गैर-सनातनियों को न दी आवंटित की जाएं. 


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संतों के बीच मारपीट
आपको बता दें बीते दिन जमीन आवंटन के लिए बुलाई गई अखाड़ा परिषद की बैठक में संतों के बीच विवाद हुआ और फिर बात मारपीट तक आ गई. इस मारपीट वाली घटना पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि हम अखाड़े के साधु हैं और अखाड़े में छोटा-मोटा विवाद चलता रहता है. इसे इतना बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. 

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