डीएनए हिंदी: नांदेड़ में शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 24 लोगों की मौत हो गई है. इसमें 12 नवजात शिशु भी शामिल हैं. एक ही दिन में इतने मरीजों की सरकारी अस्पताल में मौत ने लोगों को परेशान कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग में इस घटना के बाद से हड़कंप मच गया है. दूसरी ओर स्थानीय लोगों और मरीजों के परिवार ने जमकर हंगामा किया है. मृतकों के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है. मामले में सरकारी अस्पताल के अधीक्षक एस. आर. वाकोडे का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने अपने स्तर पर हर संभव इलाज देने की कोशिश की है. मृतकों में ज्यादातर मरीज ऐसे हैं जिन्हें आखिरी वक्त में लेकर आया गया था.
महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक ही सरकारी अस्पताल में 24 मरीजों की मौत ने हड़कंप मचा दिया है. इस घटना पर सियासी बवाल होने की भी पूरी संभावना है. मृतकों में 12 नवजात भी हैं और परिवार के लोगों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि क्षमता से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा है. मृतकों में कुछ ऐसे मरीज हैं जिनकी हालत बहुत खराब थी और उन्हें आखिरी वक्त में अस्पताल लाया गया था. डॉक्टर कम संसाधनों में भी बेहतर इलाज देने की कोशिश कर रहे हैं.
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नांदेड़ इलाके का प्रमुख अस्पताल है
शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 24 मरीजों की मौत हो गई है. यह इस इलाके का प्रमुख अस्पताल है और आसपास के 70-80 किमी. तक से मरीज इलाज के लिए यहीं पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि 12 नवजात की मौत की खबर के बाद अस्पताल में हंगामे जैसी स्थिति बन गई थी. घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व सीएम अशोक चव्हाण तुरंत अस्पताल पहुंचे और उन्होंने इस घटना के लिए सरकार और अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
24 लोगों की मौत के बाद तेज हुई सियासत
एक ही अस्पताल में 24 लोगों की मौत के बाद सियासत भी तेज हो गई है. पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने इसके लिए अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं की ओर नहीं है. राज्य के सभी सरकारी अस्पतलों में जरूरी दवाओं की भारी किल्लत है. दूसरी ओर अस्पताल का कहना है कि जरूरी दवाओं की कमी है और तबादलों की वजह से भी स्टाफकी दिक्कत हो रही है. मुश्किल स्थिति में भी इलाज की कोशिश की जा रही है.
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