Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, राज्य सरकार की प्रमुख योजना मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना के प्रचार को लेकर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर विवाद सामने आया है. इस योजना को पिछले महीने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लॉन्च किया था. शिवसेना नेता और आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई ने शुक्रवार को सहयोगी एनसीपी और उसके अध्यक्ष अजित पवार के खिलाफ महिलाओं के लिए योजना के विज्ञापन से कथित तौर पर ‘मुख्यमंत्री’ शब्द हटाने पर आपत्ति जताई थी.
वित्त विभाग पर साधा निशाना
महायुति सरकार के प्रमुख घटकों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. राज्य के जल आपूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटिल (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना) से हैं. उन्होंने ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले वित्त विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 'सरकार का सबसे बेकार विभाग' है. जलगांव के एक समारोह में बोलते हुए पाटिल ने कहा- वित्त विभाग सरकार का सबसे बेकार विभाग है.
उन्होंने कहा, 'मैंने विभाग को फाइल भेजी थी, लेकिन उसे 10 बार लौटा दिया गया. सिर्फ नकारात्मक टिप्पणियां दी गईं. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और लगातार मामले को आगे बढ़ाता रहा.
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मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना
गुलाबराव पाटिल, जो जुझारू और मुखर होने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने बाद में कहा कि कैबिनेट के भीतर कोई मतभेद नहीं थे. यह स्पष्ट नहीं है कि पाटिल वित्त विभाग के अधिकारियों को निशाना बना रहे थे, जो नगदी की कमी से जूझ रहे राज्य के चुनाव पूर्व के प्रस्तावों, जिसमें 46,000 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना शामिल है. जब शिंदे ने महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराया था, तो उनके विद्रोह में उठाई गई प्रमुख शिकायतों में से एक यह थी कि शिवसेना के नेतृत्व वाले विभागों को पवार द्वारा नियंत्रित वित्त विभाग से धन नहीं दिया जा रहा था.
कैबिनेट से बाहर आने के बाद उल्टी
पिछले हफ्ते, एक अन्य शिवसेना नेता - राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने पवार पर निशाना साधा था . मंत्री ने कहा कि उन्होंने जीवन भर कांग्रेस और NCP का विरोध किया है. सावंत ने कहा था, 'मैं कैबिनेट में उनके बगल में बैठता हूं, लेकिन बाहर आने के बाद मुझे उल्टी आती है.'
बीजेपी के भीतर भी पवार के खिलाफ असंतोष की आवाजें उठ रही हैं. पार्टी में कई लोगों का मानना है कि उन्हें महायुति गठबंधन में शामिल करने से लोकसभा चुनावों में सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. पिछले महीने RSS से जुड़े मराठी साप्ताहिक विवेक में प्रकाशित एक रिपोर्ट में लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार के साथ गठबंधन को जिम्मेदार बताया गया था.
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