Maharashtra Election: कौन फतेह करेगा विदर्भ का किला? 62 में 36 सीटों पर BJP और Congress के बीच कड़ी टक्कर

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Nov 15, 2024, 12:49 PM IST

BJP Vs Congress

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा की सीटें है. पूरे राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव प्रचार अब आखिरी दौर में जा पहुंचा है. विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटें हैं. इनमें से 36 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.

महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की ओर से पूरी तैयारी हो रही है. चुनाव को लेकर महज गिनती के दिन ही बचे हुए हैं. पार्टियों पूरी तरह से जोर आजमाइश कर रही है. लगातार रैलियां ओर रोड शोज हो रहे हैं. बयानबाजियों का दौर अपने चरम पर है. गठबंधन के भीतर और बाहर दोनों ही तरफ नूरा कुश्ती का माहौल है. इन सबके बीच महाराष्ट्र के विदर्भ को लेकर खूब चर्चा हो रही है कि इस बार यहां के सियासी समीकरण बदल सकते हैं. आपको बताते चलें कि विदर्भ में विधानसभा की 62 सीटें हैं. सभी पार्टियां महाराष्ट्र के इस किले को भेदने की तैयारी में लगी हुई है. 

36 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला
विदर्भ की बात करें तो यहां की 62 सीटों में से 36 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. यहां विपक्षी दलों के गठबंधन एमवीए की ओर से लोकसभा चुनाव के तरीके से ही चुनाव लड़ा जा रहा है. विपक्ष यहां संविधान बचाओ के नारे और जातिगत समीकरण को भेदने के सहारे मैदान में उतरी हुई है. दूसरी ओर बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन के लिए प्राथमिकता अपने गढ़ को बचाने की है. पिछली बार बीजेपी को यहां अच्छी सफलता मिली थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन यहां उतना उम्दा नहीं रहा. इस चुनाव में बीजेपी की ओर से 'बंटेंगे तो कटेंग' और 'एक रहोगे तो सेफ रहोगे' जैसे नारों के साथ मैदान में उतरी हुई है. पार्टी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को साधने की पूरी कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है. 


यह भी पढ़ें : Jharkhand Election 2024: चुनाव के नतीजे बदल सकती हैं संथाल और कोयलांचल की 34 सीटें, BJP और JMM के बीच कांटे की टक्कर


BJP और Congress के क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा की सीटें है, पूरे राज्य में 20 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव प्रचार अब आखिरी दौर में जा पहुंचा है. विदर्भ की बात करें तो बीजेपी यहां लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद अब एकजुटता के सियासी सेंकेत पर काम कर रही है. यहां पर इस बार वोटकटवा प्रत्याशियों को फायदा मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं. कांग्रेस की ओर से किसानों के मुद्दे भी उठाने की कोशिशि की जा रही है, जैसे सोयाबीन और कच्चे कपास के सही दर की मांग की गई है. पार्टी जातिगत समीकरण को साधने की भी पूरी कोशिश कर रही है. कांग्रेस के साथ इस बार यहां एक दिक्कत ये भी आ रही है कि सिट वितरण के दौरान उसे महज 40 से ज्यादा सीटें नहीं हासिल हो सकीं.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.