Maharashtra: 'मुझसे पंगा मत लेना नहीं तो', 83 साल के शरद पवार ने भरी हुंकार, बागियों पर कही ये बात

Written By राजा राम | Updated: Nov 18, 2024, 12:02 PM IST

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ा हुआ है. माधा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया कि 'बगावत करने वालों को उनकी जगह दिखा दिया जाए.

Assembly Elections 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को माधा में आयोजित एक विशाल जनसभा में अपने विरोधियों को कड़ी चुनौती दी. उन्होंने कहा कि बगावत करने वालों को उनकी जगह दिखानी होगी और केवल हराना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें बुरी तरह हराना होगा. महराष्ट्र के माधा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होनें कड़ी तेवर में बागी हुए नेताओं पर खूब बरसे. अपने संबोधन में पवार ने कहा, 'किसी से भी पंगा ले लीजिए, लेकिन मुझसे नहीं. जिन्होंने विश्वासघात किया है, उन्हें सबक सिखाना जरूरी है.' इस दौरान सभा में मौजूद भीड़ ने उत्साह में उनका नाम लेकर नारे लगाए. 

1980 की बगावत का किया जिक्र
शरद पवार ने अपने राजनीतिक करियर के कठिन दौर को याद करते हुए 1980 की घटना का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि किस तरह उनकी ही पार्टी के 52 विधायकों ने उस समय बगावत कर सरकार का साथ दिया था, जिससे उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद गंवाना पड़ा. उन्होंने कहा आगे कहा, 'उस समय मैंने हिम्मत नहीं हारी. तीन साल तक मैंने पूरे राज्य में  में लोगों से अपना सपर्क बनाए रखा, उनसे बात करता रहा , उनके मुद्दे को सरकार सामने उठाए और अगला चुनाव आते ही बागियों को करारी शिकस्त दी. महाराष्ट्र की जनता ने मेरा साथ दिया और वे सभी 52 विधायक चुनाव हार गए. 

एनसीपी में बगावत और चुनावी जंग
दरअसल, पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने एनसीपी में बगावत करते हुए एक नया गुट बनाया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ गठबंधन कर लिया. चुनाव आयोग के फैसले के बाद अजित पवार को पार्टी का नाम और 'घड़ी' का चुनाव चिह्न मिला, जबकि शरद पवार के गुट को 'तुतारी बजाता हुआ आदमी' का चुनाव चिह्न दिया गया. 

भतीजे के गढ़ में पोता
गौरतलब है,बारामती विधानसभा सीट पर शरद पवार ने अपने पोते युगेंद्र पवार को अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतारा है. यह सीट अजित पवार का गढ़ मानी जाती है, जहां वे 1991 से विधायक हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव में अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को सुप्रिया सुले के खिलाफ खड़ा किया था. हालांकि, सुले ने उन्हें बड़े अंतर से हराया था. 


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जनता से समर्थन की अपील
83 वर्षीय शरद पवार ने कहा कि उनका राजनीतिक अनुभव बताता है कि जनता विश्वासघात को कभी माफ नहीं करती. उन्होंने समर्थकों से अपील की कि बगावत करने वालों को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दें. शरद पवार की इस हुंकार से आगामी चुनावों में एनसीपी (शरद पवार) और एनसीपी (अजित पवार) के बीच कड़ा मुकाबला तय माना जा रहा है. 

(इनपुट: पीटीआई)
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