डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विज्ञापन को लेकर सियासत गरमा गई. विज्ञापन को सीएम एकनाथ शिंदे और पीएम मोदी की तस्वीर के साथ प्रकाशित किया गया है. जिसमें लिखा है, ‘राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार’. इसे एक सर्वे का हवाला देते हुए छपवाया गया है. जिसमें शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की तुलना में अधिक लोगों की पसंद वाला नेता दर्शाया गया है. इस विज्ञापन के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक बहस छिड़ गई है. बीजेपी नेताओं ने इससे किनारा कर लिया है. वहीं, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने तंज कसा है.
संजय राउत ने कहा कि पहले यह बालासाहेब की शिवसेना थी, लेकिन विज्ञापन से साफ हो गया है कि अब यह मोदी-शाह शिवसेना है. उन्होंने सवाल उठाया कि एकनाथ शिंदे अपने आप आपको शिवसैनिक मानते हैं, तो विज्ञापन में दिवगंत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर कहां है? बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना के इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री मोदी और सीएम शिंदे की तस्वीर है. इसमें शिवसेना संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की कोई तस्वीर नहीं है जबकि पहले शिवसेना के हर इश्तहार में ठाकरे का चित्र प्रमुखता से होता था. विज्ञापन में ऊपर शिवसेना का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी है.
26 प्रतिशत लोग शिंदे को करते हैं पसंद-सर्वे
वहीं, राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे और फडणवीस भाइयों की तरह काम कर रहे हैं और विपक्ष इससे ईर्ष्या करता है. विज्ञापन में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री पद के लिए हुए एक सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र के 26.1 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं.’ वरिष्ठ भाजपा नेता फडणवीस 2014 से 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे. विज्ञापन में लिखा है, ‘यानी कि महाराष्ट्र के 49.3 प्रतिशत लोग फिर से इस जोड़ी को पसंद करने पर अपनी मुहर लगाते हैं.’ विज्ञापन में प्रस्तुत आंकड़े और दावे ‘जी टीवी-मेट्राइज’ सर्वेक्षण के हवाले से दिए गए हैं. इसमें लिखा है, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जोड़ी के महाराष्ट्र में किए गए जनकल्याण के प्रकल्पों ने उन्हें वर्तमान में एक सर्वेक्षण में सर्वोच्च स्थान दिलाया है.’
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विज्ञापन के मुताबिक, ‘‘मतदान के सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 30.2 प्रतिशत लोग और शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में) को 16.2 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं। यानी कि महाराष्ट्र के 46.4 प्रतिशत लोग भाजपा और शिवसेना की जोड़ी को ही फिर से सत्ता में चाहते हैं.’ जी न्यूज की एक खबर के अनुसार राज्य के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में 23 मई से 11 जून के बीच सर्वेक्षण किया गया और 36,000 लोगों से बात की गई. सर्वे में 21,600 पुरुष और 14,400 महिलाओं ने भाग लिया.
बीजेपी ने किया किनारा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा, ‘हमेशा चुनाव परिणाम तय करते हैं कि मतदाताओं को कौन सी पार्टी या नेता पसंद है. पहले शिंदे कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकप्रिय थे और अब मुख्यमंत्री के रूप में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है. राज्य की जनता को फडणवीस, शिंदे और मोदी से बहुत अपेक्षाएं हैं.’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने राज्य स्तरीय नेता के तौर पर दो बार फडणवीस को तरजीह दी है. शिवसेना और भाजपा में ऐसी कोई तुलना नहीं है कि कौन बड़ी पार्टी है और कौन छोटी.’
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कांग्रेस-NCP ने भी कसा तंज
कांग्रेस ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इसे झूठा सर्वेक्षण करार दिया और कहा कि शिंदे ने अपने प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव हो जाएं तो महा विकास आघाड़ी निश्चित रूप से महाराष्ट्र में 42 से अधिक लोकसभा सीटें और 200 से अधिक विधानसभा सीटें जीतेगी. उनके (शिंदे के) बारे में एक नई कहानी लिखी जाएगी कि ‘एक समय कोई शिंदे होते थे. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने दावा किया कि इस विज्ञापन से उन लोगों को दुख हुआ होगा जिन्होंने पहले नारा दिया था ‘देश में मोदी, राज्य में देवेंद्र’ और फिर भारी मन से शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया. अब महाराष्ट्र में भाजपा बनाम शिवसेना का नाटक शुरू हो गया है.’ (भाषा इनपुट के साथ)
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