नीट-यूजी और यूजीसी नेट परीक्षाओं के लीक और गड़बड़ी लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. छात्रों के भविष्य को लेकर चिंताए जताई जा रही हैं. इस बीच महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में एक विधेयक पेश किया है. इसमें पेपर लीक या गड़बड़ियां करने वाले दोषी को 5 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है.
विधानसभा में मंत्री शंभुराज देसाई ने ‘महाराष्ट्र प्रतियोगी परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ विधेयक पेश किया. विधेयक के अनुसार, 'अगर कोई व्यक्ति प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन में कोई गड़बड़ी या लीक अपराधों में दोषी पाया तो उसे कम से कम 3 साल जेल की सजा दी जाएगी, जिसे बढ़ाकर 5 साल भी किया जा सकता है.
इतना ही नहीं दोषी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी. विधेयक के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन से संबंधित अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य होंगे.
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इस विधेयक में क्या-क्या होगा खास?
शंभुराज देसाई ने बताया कि इस विधेयक में मुख्य विशेषता प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन में धांधली से बचना, पेपर तैयार करने वालों के कर्तव्यों को निर्दिष्ट करना, अपराध की जांच करने के लिए पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त से नीचे के रैंक के अधिकारियों को सशक्त बनाना शामिल है. उन्होंने कहा कि NEET-UG में गड़बड़ियों के चलते यह विधेयक विधानसभा में पेश किया गया है.
विधानसभा और विधान परिषद में पास होने के बाद इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए यह कानून लागू हो जाएगा.
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