डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सरकार बनाने को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों को मुताबिक देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. यहां वह शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात करेंगे. वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर महाराष्ट्र कि मौजूदा राजनैतिक हालात कि जानकारी देंगे. वकील महेश जेठमालानी भी दोपहर 1 बजे दिल्ली पहुंच रहे हैं. दूसरी तरफ गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की बैठक जारी है. खबर आ रही है कि शिंदे भी दिल्ली पहुंच सकते हैं.
बता दें कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से अलग होकर शिवसेना के बागी विधायक बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट के बीच सरकार गठन को लेकर फॉर्मूला भी तय हो गया है. दोनों पक्षों की ओर से इस पर रजामंदी भी दे दी गई है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी (BJP) के कोटे से 18 कैबिनेट, 10 राज्यमंत्री समेत 28 मंत्री होंगे. वहीं शिंदे गुट से 8 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं. शुरुआत में 4 मंत्री पद रिक्त रखे जाएंगे, शिंदे केम्प को डिप्टी सीएम के साथ भारी भरकम मंत्रालय दिया जाएगा.
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निर्दलीय भी बन सकते हैं मंत्री
सूत्रों का कहना है कि सरकार गठन में निर्दलीय विधायकों की भी किस्मत खुल सकती है. जो निर्दलीय विधायक शिंदे गुट के साथ गए हैं उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि एकनाथ शिंदे इन विधायकों को बीजेपी कोटे से मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. इस पर जल्द फैसला लिया जा सकता है.
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इन नामों पर हो रही चर्चा
सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट से मंत्री पद की रेस में एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल , दादा भुसे, उदय सामंत, संदीपन भुमरे, शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तार, राजेंद्र पाटिल येद्रावकर और बच्चू कडू (प्रहार जनशक्ति) का नाम तय है. यह वर्तमान सरकार में भी मंत्री हैं. वहीं दीपक केसरकर, प्रकाश आबिदकर, संजय रायमूलकर और संजय शिरसाठ का भी नाम मंत्री पद की लिस्ट में आगे चल रहा है. सूत्रों का कहना है कि शिंदे गुट में मौजूद मंत्री नई सरकार में भी उसी मंत्रालय की मांग कर रहे हैं.
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अविश्वास प्रस्ताव की कवायद तेज
सुप्रीम कोर्ट से शिंदे गुट को राहत के बाद फ्लोर टेस्ट (Floor Test) को लेकर हलचल तेज हो गई है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है. खबर ये है कि ये गुट 30 जून के बाद कभी भी फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी सियासी हालात का खुद संज्ञान लेते हुए फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला ले सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो MVA सरकार गिर सकती है.
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