अब महाराष्ट्र में केवल इंटर-रिलीजन शादी पर नजर रखेगी यह कमेटी, जाने क्यों हुआ संशोधन

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 16, 2022, 02:56 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने इंटर रिलीजन मैरिज को लेकर कई बदलाव किए हैं. 

Inter Religion Marriage: महाराष्ट्र सरकार ने इंटर रिलीजन शादी को लेकर एक संशोधन किया है. विपक्ष इसकी कई दिनों से मांग कर रहा था.

डीएनए हिंदीः महाराष्ट्र सरकार ने अंतर-धार्मिक (इंटर रिलिजन) और अंतर-जातीय (इंटर-कास्ट) विवाह में होने वाले विवाद को सुलझाने के लिए एक 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी को इंटर कास्ट एंड इंटर फेथ मैरिज फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी का नाम दिया गया है. यह कमेटी ऐसे सभी मामलों की जांच करेगी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस प्रस्ताव में संशोधन किया है. इस समिति का कार्य अब केवल अंतर-धार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी एकत्र करने तक सीमित रहेगा.

इन मामलों की नहीं करेगी जांच
यह कमेटी अब इंटरकास्ट-मैरिज के मामलों की जांच नहीं करेगी. इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया है. इस आदेश में कमेटी का नाम बदलकर ‘इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)’ कर दिया है. हालांकि सरकार ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिस कमेटी का गठन किया गया है उसका संशोधन सरकार के पास पहले से ही विचाराधीन थी.  

विपक्ष ने की थी आलोचना 
सरकार की ओर से गठित इस कमेटी की विपक्ष ने काफी आलोचना की थी. इसके बाद यह अहम बदलाव किया गया है. विपक्ष का कहना था कि अंतर-जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को राज्य सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाती है तो फिर इसे ट्रैक करने की जरूरत क्यों है. गौरतलब है कि सामाजिक एकीकरण और अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार के पास पहले से ही एक सामाजिक कल्याण योजना है.  

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devendra fadnavis