कर्नाटक और महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बोले उद्धव ठाकरे- वहां केंद्र शासित प्रदेश बना दो

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 26, 2022, 03:26 PM IST

Uddhav Thackeray

Karnataka Maharashtra Border Dispute:उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि जब तक कर्नाटक के साथ सीमा विवाद हल न हो वहां केंद्र शासित प्रदेश बना दें.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच शुरू हुआ सीमा विवाद (Maharashtra Karnataka Border Dispute) हर दिन नया मोड़ ले रहा है. अब महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने इस विवादित इलाके को 'POK' की तर्ज पर 'कर्नाटक के कब्जे वाला क्षेत्र' बताया है. इस समस्या का हल निकालने के लिए उद्धव ठाकरे ने अलग ही तरीका बताया है. उन्होंने कहा है कि इस विवादित क्षेत्र को एक केंद्र शासित प्रदेश बना देना चाहिए. इसी क्षेत्र को लेकर शुरू हुए विवाद की वजह से कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे बार-बार दिल्ली जा रहे हैं लेकिन विवाद सुलझ नहीं पा रहा है. दोनों राज्य एक-दूसरे पर जिद दिखाने का आरोप लगा रहे हैं. उधर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सत्ताधारी गठबंधन पर हमलावर है.

इसी विवाद के बारे में उद्धव ठाकरे ने सोमवार को महाराष्ट्र की विधान परिषद में कहा, "हम कर्नाटक की जमीन का एक इंच भी नहीं चाहते लेकिन हमें हमारी जमीन वापस जाहिए. हमें केंद्र के सामने एक मांग भेजनी चाहिए कि कर्नाटक के कब्जे वाले महाराष्ट्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए." उन्होंने सवाल भी पूछा कि क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बारे में एक भी शब्द बोला है?

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उद्धव ने कहा- लड़ाई राजनीतिक नहीं है
उन्होंने आगे कहा, "यह लड़ाई लगभग 56 सालों से चल रही है, जब से दोनों राज्यों का बंटवारा भाषायी आधार पर हुआ. मराठी भाषा सीमा पर बसे लोगों की जड़ में है. यहां लोग मराठी भाषा ही बोलते हैं. मैं एक फिल्म दिखाऊंगा जिसमें दिखाया गया है कि 1970 में सीमावर्ती क्षेत्र में मराठी भाषा का इस्तेमाल होता था. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है. मैं चाहता हूं कि यह फिल्म दोनों सदनों को सदस्यों को दिखाई जाए."

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आपको बता दें कि इसी संबंध में हाल ही में कर्नाटक विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया गया. दूसरी तरफ, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कारण बताया है कि महाराष्ट्र में ऐसा प्रस्ताव क्यों नहीं पेश किया गया. उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक विवाद का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक के लिए इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाना चाहिए.

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