डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है. सोमवार को हुई 24 मौतों के बाद आज भी 7 लोगों की जान चली गई है. इस तरह नांदेड़ के अस्पताल में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या अब 31 पहुंच गई है. दूसरी तरफ, छत्रपति संभाजी नगर के घाटी अस्पताल में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. इस अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 2 नवजात समेत 10 लोगों की जान चली गई है. इस मामले पर विपक्ष ने सत्ताधारी गठबंधन सरकार को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इस मामले की जांच की मांग की है.
नांदेड़ के इस अस्पताल में पिछले 24 घंटों में ही 24 लोगों की जान चली गई थी जिसमें 12 बच्चे भी शामिल थे. अब 7 और लोगों की मौत हो गई है जिसमें 4 बच्चे भी शामिल थे. अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर श्यामराव वाकोड़े ने कहा कि इन लोगों की जान अलग-अलग कारणों से हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि कई कर्मचारियों के ट्रांसफर और दवाओं की कमी की चलते लोगों की जान गई. बताया गया है कि जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है जिसे मंगलवार तक रिपोर्ट सौंपनी है.
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संभाजी नगर में गई 10 लोगों की जान
अब छत्रपति संभाजी नगर के घाटी अस्पताल से भी ऐसी ही खबर देखने को मिल रही है. प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के अनुसार, छत्रपति संभाजी नगर के घाटी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 2 नवजात शिशुओं समेत 10 लोगों की मौत हो गई. जिसके पीछे दवा की कमी मुख्य कारण बताई जा रही है, मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में केवल 15 दिनों की ही दवाओं की सप्लाई बची है इसलिए आसपास के मरीजों के परिजन हाथों में दवा की पर्चियां लेकर घूमते नजर आ रहे हैं.
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इस मामले पर सवाल उठाते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर अपनी पोस्ट में लिखा, 'बताया जा रहा है कि इन मरीजों की मौत दवाओं और इलाज के अभाव में हुई. ऐसी ही एक घटना अगस्त 2023 में ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में हुई थी, जिसमें 18 मरीजों की जान चली गई थी.' कांग्रेस प्रमुख ने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-शिवसेना सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'पीड़ितों के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. हम गहन जांच की मांग करते हैं, ताकि लापरवाही के दोषियों को अदालत कड़ी सजा दे सके.'
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