डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में अजित पवार के बगावत के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में घमासान मचा हुआ है. पार्टी की अंदरूनी कलह सोमवार को भी अपने चरम पर रही. पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने अजित पवार और उनके गुट के नेताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया. पार्टी ने प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे, शिवाजीराव गरजे और विजय देशमुख सहित कई नेताओं को निष्काषित कर दिया. इन नेताओं ने अजित पवार की बगावत में उनका साथ दिया है. शरद पवार ने यह कदम अजित पवार के एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में बतौर डिप्टी सीएम शामिल होने के बाद उठाया है.
NCP चीफ के इस एक्शन के बाद अजित पवार ने प्रफुल्ल पटेल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एनसीपी पर अपना दावा ठोंका. साथ ही उन्होंने शरद पवार के सामने सुलह के लिए एक फॉर्मूला भी पेश किया. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि पार्टी में दो फाड़ होने की स्थिति में दोबारा चुनाव हों. इसलिए पार्टी में आपसी सहमति से ही सभी फैसले लिए जाएं तो अच्छा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होगा तो चुनाव आयोग को फैसला लेना होगा. जिससे पार्टी का भी कोई भला नहीं होगा. अजित ने कहा कि फिलहाल वो पार्टी से किसी को निष्कासित नहीं कर रहे हैं, बल्कि पार्टी का विस्तार कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें- 24 घंटे में ही अजित पवार के गुट में फूट, 2 विधायक और एक सांसद का यू-टर्न, बोले 'हम शरद पवार के साथ'
प्रफुल्ल पटेल बोले पार्टी की सहमति से लिया फैसला
वहीं,प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने का निर्णय सामूहिक है, जो पार्टी द्वारा राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने और राज्य एवं देश का विकास सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. पटेल ने कहा कि किसी भी विधायक को आयोग्य ठहराने का काम पार्टी या चुनाव आयोग नहीं कर सकता है. इसका फैसला सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष ही कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में शामिल होने का निर्णय महाराष्ट्र और देश के कल्याण एवं विकास के लिए लिया गया है. देश ने पिछले 9 सालों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रगति की है.
अजित पवार का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने दावा किया कि पूरी पार्टी (53 विधायक) एक साथ है. बता दें कि अपने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में और एनसीपी के 8 अन्य विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली थी. पटेल ने अजित पवार की बात दोहराते हुए कहा, "अगर राकांपा शिवसेना के साथ गठबंधन कर सकती है तो भाजपा के साथ क्यों नहीं? कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं. हमारे ऊपर कोई दबाव नहीं है. पार्टी में मुझे जो कुछ मिला, उसके लिए मैं एनसीपी और पवार साहब का आभारी हूं.'
ये भी पढ़ें- DMRC ने गुरुग्राम के HUDA City Centre का नाम बदला, जानें अब किस नाम से जाना जाएगा ये स्टेशन
प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को दिया नोटिस
बता दें कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने शरद पवार को पत्र लिखकर दोनों सांसदों को उनकी संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित कराने के लिए कदम उठाने की मांग की है. शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते पार्टी विरोधियों गतिविधियों को लेकर सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल के नाम एनसीपी सदस्यों की पंजी (रजिस्टर) से हटाने का आदेश देता हूं.’ बाद में एनसीपी प्रमुख ने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को नोटिस जारी किया और कहा कि उनके कृत्य पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के लिए उन्हें अयोग्य करार दिए जाने लायक हैं. पवार ने आरोप लगाया कि उनकी जानकारी और सहमति के बगैर नौ विधायकों का बगावत में साथ दिया गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.