डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और सामना के संपादक संजय राउत की कानूनी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. दोनों के खिलाफ शिंदे गुट के राहुल शेवाले ने मानहानि की याचिका दाखिल की थी. सामना में लिखे लेख का हवाला देते हुए शेवाले ने दावा किया है कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची हैं. उद्धव और संजय राउत ने कोर्ट से इस मामले में आरोप-मुक्त करने की मांग की थी जिसे मझगांव कोर्ट ने नामंजूर कर दिया है. दोनों वरिष्ठ नेताओं को हालांकि पहले ही इस मामले में जमानत मिल चुकी है. मामले की अगली सुनवाई पर अब बयान दर्ज किए जाएंगे. राहुल शेवाले ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सामना के लेखों की वजह से मेरी छवि धूमिल हुई है.
शिवसेना में विद्रोह के बाद से ही उद्धव ठाकरे गुट और सीएम एकनाथ शिंदे गुट के नेता समय-समय पर एक दूसरे को निशाने पर लेते रहते हैं. सामना में लिखे संपादकीय में भी संजय राउत अक्सर शिंदे गुट के नेताओं को निशाना बनाते रहते हैं. ऐसे ही एक लेख में उन्होंने सांसद शेवाले के लिए कुछ बेहद तल्ख शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अवसरवादी कहा था. इसी के विरोध में उन्होंने उद्धव ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत पर मानहानि का केस किया है.
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कोर्ट ने उद्धव और संजय राउत को वर्चुअल पेशी की दी है अनुमति
कोर्ट की ओर से इस केस में कुछ महीने पहले ही दोनों नेताओं को समन जारी किया गया था. इसके बाद उद्धव और राउत ने 15 हजार के निजी बॉन्ड भरने के साथ ही अदालत में पेशी से छूट मांगी थी और वर्चुअल पेशी के जरिए शामिल होने का आग्रह किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. फिलहाल मामले की अगली सुनवाई पर दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे. बता दें कि शिवसेना गुट में विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक बीजेपी से जा मिले. अब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट की सरकार है.
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महाराष्ट्र में सियासी बवाल जारी
महाराष्ट्र में पिछले एक-डेढ़ साल में काफी सियासी बवाल हो चुका है. शिवसेना में बगावत के बाद उद्धव गुट और शिंदे गुट बन चुका है और पार्टी और चुनाव चिह्न को लेकर केस चल रहा है. दूसरी ओर एनसीपी में भी फूट पड़ गई है और शरद पवार के भतीजे और विश्वासपात्र सहयोगी अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल भी पार्टी से अलग होकर बीजेपी के साथ मिल गए हैं. महाराष्ट्र में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर अब दिलचस्प समीकरण बन गया है और इस उठा-पटक के जनता किस धड़े के साथ जाती है, इस पर पूरे देश की नजर है.
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