Maharashtra Opinion Poll: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच NDA या INDIA में से किसके साथ है जनता? 

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: Feb 28, 2024, 07:59 PM IST

Maharashtra Opinion Poll 

Maharashtra Opinion Poll 2024:  Zee News और MATRIZE के ओपिनियन पोल में देश के अलग-अलग हिस्सों का मूड परखने की कोशिश की गई है. महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच एनडीए काफी मजबूत हालत में है. 

महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में पिछले दो साल पार्टियों की टूट और राजनीतिक उठापटक के रहे हैं. एनसीपी और शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है जबकि कांग्रेस के कई बड़े नेता दूसरी पार्टी में चले गए हैं. मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना (एकनाथ शिंदे) का दामन थामा है, तो पूर्व सीएम अशोक चव्हाण अब बीजेपी में हैं. हमारे सहयोगी चैनल Zee News और MATRIZE के ओपिनियन पोल में इस प्रदेश में लोगों की सियासी पसंद को परखने की कोशिश की गई. ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में सियासी दांव-पेच के बीच भी लोगों का भरोसा पीएम नरेंद्र मोदी पर बना हुआ है. इंडिया गठबंधन के लिए इस राज्य से मायूसी वाली खबर आ सकती है. 

पीएम मोदी और NDA पर है जनता का भरोसा 
महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी में फूट का फायदा यहां एनडीए को मिलता दिख रहा है. ओपिनियन पोल के मुताबिक, महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के खाते में 45 सीटें जा सकती हैं जबकि इंडिया गठबंधन को सिर्फ 3 ही सीटें मिलती दिख रही हैं. 2019 लोकसभा चुनावों से अलग इस बार सूरत हाल काफी बदल गई है. इस बार चुनावी नतीजे बहुत से चेहरों का राजनीतिक भविष्य तय कर सकते हैं.

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शिवसेना का एकनाथ शिंदे वाला धड़ा बीजेपी के साथ है जबकि उद्धव ठाकरे अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं. दूसरी ओर एनसीपी में अजित पवार वाला धड़ा भी एनडीए में है और शरद पवार अपने पुराने सहयोगी के ही साथ हैं. कांग्रेस के कई और नेताओं के भी आने वाले दिनों में पार्टी छोड़ने की खबरें हैं.

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शरद पवार और उद्धव ठाकरे को नहीं मिलेगी जनता से सहानुभूति 
शरद पवार की पार्टी में फूट हो चुकी है और उनके भतीजे अजित पवार पार्टी के कई सीनियर नेताओं के साथ अलग हो चुके हैं. ऐसे में सुप्रिया सुले कई बार कह चुकी हैं कि जनता शरद पवार के साथ है. हालांकि, ओपिनियन पोल से ऐसा लग रहा है कि जनता की सहानुभूति शरद पवार के साथ नहीं है और पीएम मोदी पर उनका भरोसा बना हुआ है. उद्धव ठाकरे भी इस वक्त शिवसेना को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन लग रहा है कि एनडीए छोड़ना उनके लिए घातक कदम साबित हो सकता है. 

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