डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में इन दिनों सियासी पारा चढ़ा हुआ है. अजित पवार के बगावत के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ-साथ एकनाथ शिंदे की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि उनका एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है. इन अफवाहों को लेकर अब एकनाथ शिंदे ने बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे रहा हूं. मुझे नहीं पता इस तरह की खबरें कौन फैला रहा है.
दरअसल, अजीत पवार के डिप्टी सीएम बनने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि शिंदे सीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं. सीएम इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि पता नहीं कौन इस तरह की खबरों को प्लांट करवा रहा है. शिंदे ने शिवसेना के सभी विधायकों को आश्वसन दिया है कि वह उनका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे. जिन्होंने उनके संकट काल में उनका समर्थन किया उन्हें कभी निराश नहीं किया जाएगा. अजित गुट के शामिल होने पर उन्होंने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है, वह अभी भी मुख्यमंत्री हैं और सरकार का पूरा उनका कंट्रोल है. शिंदे ने बुधवार शाम अपने बंगले वर्षा पर शिवसेना के सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई थी. बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
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अजित पवार ने जताई मुख्यमंत्री बनने की इच्छा
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखते हैं . अजित पवार की यह टिप्पणी निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को परेशान करने वाली है. शिंदे की शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार ने पिछले हफ्ते ही एक साल पूरा किया है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस भी उपमुख्यमंत्री हैं.
अजित पवार ने उपनगर बांद्रा की भुजबल नॉलेज सिटी में खुद के द्वारा बुलाई गई बैठक में कहा, ‘मैंने पांच बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है. यह एक रिकॉर्ड है, लेकिन गाड़ी यहीं रूक गई है, आगे नहीं बढ़ रही. मुझे तहेदिल से ऐसा लगता है कि मुझे राज्य का प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना चाहिए. मेरे पास कुछ चीजें हैं जिन्हें मैं कार्यान्वित करना चाहता हूं और उसके लिए सीएम बनना जरूरी है.’
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अजित पवार गुट ने दावा किया कि उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में राकांपा के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए, जबकि राकांपा प्रमुख शरद पवार द्वारा संबोधित की गई बैठक में 18 विधायक उपस्थित थे. राकांपा अपने गठन के 24 साल बाद दो जुलाई को टूट गई, और पहली बार पार्टी की अलग-अलग बैठकें (दो गुटों की) हुई हैं. शरद पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार की आलोचना की. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तंज कसे. पार्टी के शरद पवार और अजित पवार गुटों ने क्रमश: दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर और उपनगर बांद्रा में भुजबल नॉलेज सिटी में अपनी-अपनी बैठकें कीं. अजित पवार ने अपने 83-वर्षीय चाचा शरद पवार को याद दिलाया कि उनके सक्रिय राजनीति से ‘रिटायर’ होने का समय आ गया है. अन्य दलों में नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं, आप कब होने जा रहे हैं.’
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