डीएनए हिंदी: अजित पवार के महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद उनके और शरद पवार के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर दावेदारी को लेकर लड़ाई तेज हो गई है. इसी के मद्देनजर शरद पवार और अजित पवार ने शक्ति प्रदर्शन के लिए बुधवार को अलग-अलग बैठक बुलाई है. NCP अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी की बैठक दक्षिण मुंबई स्थित यशवंत राव चव्हाण केंद्र में दोपहर 1 बजे बुलाई है, जबकि अजित पवार ने मुंबई के उपनगर बांद्रा स्थित मुंबई एजुकेशन ट्रस्ट के परिसर में सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है. दोनों नेताओं ने बैठक को अपने समर्थक विधायकों को व्हिप जारी कर उन्हें उपस्थित रहने को कहा है.
दोनों गुटों की बैठक से स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है कि किसके साथ कितने विधायक हैं. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में NCP के 53 विधायक हैं और अजित पवार गुट को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों का समर्थन चाहिए. अजित पवार गुट ने 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वहीं, शरद पवार गुट ने दावा किया है कि सरकार में शामिल अजित पवार सहित केवल 9 विधायकों ने ही पाला बदला है और बाकी शरद पवार के साथ हैं. विधायक सरोज अहिरे, प्रजाक्त तानपुरे और सुनील भुसारा के बारे में कहा जा रहा था कि वे अजित पवार के साथ हैं लेकिन उन्होंने शरद पवार से मिलकर उनके प्रति निष्ठा व्यक्त की.
अजित पवार ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
इस बीच महाराष्ट्र के पद पर शपथ लेने के दो दिन बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कोई विकल्प नहीं है. अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अपने गुट का दक्षिण मुंबई में बने नए कार्यालय का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘देश उनके मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है. हम उनका समर्थन करने के लिए सरकार में शामिल हुए हैं. मोदी जैसा कोई नेता नहीं है. उनका कोई विकल्प नहीं है.’ अजित पवार ने संकेत दिया कि राज्य में मंत्रियों के विभागों की घोषणा तत्काल नहीं की जाएगी. उन्होंने इस देरी के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर दौरे को कारण बताया.
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शरद पवार ने जारी किया व्हिप
वहीं, मुंबई में होने वाली एक अहम बैठक से एक दिन पहले शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को सभी विधायकों को ‘व्हिप’ जारी कर उन्हें उपस्थित रहने को कहा है. मुख्य सचेतक जितेन्द्र आव्हाड ने एक पंक्ति वाले इस व्हिप में कहा है कि शरद पवार ने 5 जुलाई को वाई बी चव्हाण सेंटर में दोपहर 1 बजे बैठक बुलाई है और सभी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है. अजित पवार के शिवसेना-भाजपा सरकार में आठ अन्य विधायकों के साथ रविवार को शामिल होने के बाद शरद पवार ने आव्हाड को मुख्य सचेतक नामित किया है.
मेरी तस्वीर का न हो इस्तेमाल
शरद पवार ने कहा कि जिस पार्टी के वह अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल, जिसकी महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं वही उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर सकती है. पवार ने कहा कि जिन्होंने उनकी विचारधारा के साथ ‘धोखा किया’, उन्हें उनकी तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने और उनकी (अजित की)ओर से बड़ी संख्या में विधायकों का समर्थन होने का दावा करने के कारण पार्टी में पैदा हुए संकट से निपटने के लिए कानूनी राय ले रहे हैं. राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने कहा कि सोमवार रात सतारा से लौटने के बाद शरद पवार मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से निपटने के मद्देनजर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा, ‘कानूनी राय लेना जरूरी है, क्योंकि यह मुद्दा संविधान की 10वीं अनुसूची से संबंधित है. संविधान में 10वीं अनुसूची का प्रावधान पद का लालच, भौतिक लाभ या इसी तरह के विचारों से प्रेरित राजनीतिक दलबदल को रोकने के लिए किया गया है. यह दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे और सदन के अध्यक्ष की भूमिका से भी संबंधित है. क्रास्टो ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को 13 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त नहीं है और इस पर दल-बदल रोधी कानून के प्रावधान लागू हो सकते हैं.
तय करना होगा NCP सत्ता में है या विपक्ष में-स्पीकर
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उन्हें पहले यह तय करना होगा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सदन में सत्ता में है या विपक्ष में और इसका प्रतिनिधित्व कौन करता है. महाराष्ट्र प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शिवसेना-भाजपा सरकार में दो दिन पहले शामिल हुए अजित पवार और आठ अन्य राकांपा विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध करते हुए नार्वेकर को एक अर्जी सौंपी है. नार्वेकर ने कहा, ‘मैं राकांपा को दो गुटों में नहीं बांट सकता अगर कोई आधिकारिक विभाजन नहीं हुआ है. मुझे यह पता लगाना होगा कि राकांपा (विधानसभा में) सत्ता में है या नहीं.’ विधानसभा में नये सचेतक और विपक्ष के नेता नियुक्त करने वाले पाटिल के पत्र पर विधानसभाध्यक्ष नार्वेकर ने कहा, ‘मुझे पहले यह तय करना होगा कि एक राजनीतिक दल के रूप में राकांपा का प्रतिनिधित्व कौन करता है. फिर मैं तय करूंगा कि क्या उनके पास ऐसे बदलाव करने के लिए पर्याप्त विधायकों का समर्थन है.’ (इनपुट- भाषा)
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