डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपने बागी विधायकों (Rebel MLA) को यह समझाने के लिए एक नया प्रस्ताव दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद से हटने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि नया मुख्यमंत्री शिव सैनिक (Shiv Sainik) हो.
उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को ऑफर दे रहे हैं कि अगर वो वापस आए तो उद्धव उन्हें महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बना देंगे. उद्धव ठाकरे यह भी चाहते हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी के साथ भी जाना पड़े तो भी मुख्यमंत्री कोई शिवसैनिक ही हो.
दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे ने अपना तेवर साफ कर दिया है कि अगर शिवसेना कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) से नाता तोड़ लेती है तो सभी बागी विधायक वापस आने को तैयार हैं.
Maharashtra Political Crisis: आज बीजेपी कर सकती है सरकार बनाने का दावा, NCP की भी अहम बैठक
ठाकरे परिवार होगा शिवसेना से बाहर
अब उद्धव ठाकरे के पास 55 में से सिर्फ 16 विधायक रह गए हैं और बाकी सभी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं. एकनाथ शिंदे कह रहे हैं कि वह शिवसेना के असली नेता हैं. वह पूरी पार्टी को अपने हाथ में लेना चाहते हैं और ठाकरे परिवार को इससे बाहर निकालना चाहते हैं.
Maharashtra Political Crisis: सरकारी आवास से मातोश्री पहुंचे ठाकरे, सूरत के लिए निकले दो और शिवसेना विधायक
सरकार नहीं, पार्टी ही नहीं बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे
राजनीति का सबसे दिलचस्प मुकाबला इस समय महाराष्ट्र में खेला जा रहा है. इस खेल में सब कुछ है. इसमें नंबर गेम भी है, ट्रेजडी भी है और कॉमेडी भी है. कॉमेडी यह है कि उद्धव ठाकरे अब तक सिर्फ अपनी सरकार बचा रहे थे लेकिन अब लगता है कि वह अपनी पार्टी शिवसेना को नहीं बचा पाएंगे.
फडणवीस से नजदीकी, फायर ब्रांड नेता, BJP के निशाने पर 2019 से ही थे एकनाथ शिंदे
बागी बन गया सबसे मजबूत कंधा
एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के उस फैसले को सीधे चुनौती दी है जिसमें उद्धव ने उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था और अजय चौधरी को शिवसेना विधायकों का नेता घोषित कर दिया. एकनाथ शिंदे ने अब महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को एक पत्र लिखा है और उन्होंने उनसे कहा है कि उन्हें शिवसेना के दो-तिहाई विधायकों का समर्थन मिला है. इन सभी विधायकों ने उन्हें अपने विधायक दल का नेता चुना है. इसका मतलब है कि एकनाथ शिंदे ने सीधे शिवसेना पर कब्जा कर लिया है और उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी तक नहीं बचा पा रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.