डीएनए हिंदी: बाल ठाकरे (Bal Thackeray) ने जिस शिवसेना (Shiv Sena) को महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) के सियासत की धुरी बनाई थी, वही शिवसेना दो अलग-अलग गुटों में बंट गई है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास सत्ता है तो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. हालात ऐसे हो गए हैं उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम (Ramdas Kadam) और पूर्व सांसद आनंद राव अडसुल (Anand Rao Adsul) जैसे दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ रहा है. वजह यह है कि रामदास कदम ने इस्तीफा दिया तो उन पर एक्शन लिया गया. रामदास कदम ने आरोप लगाया है कि उन्हें बार-बार अपमानित किया गया था. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहते हुए हमेशा व्यस्त रहते थे और शिवसैनिकों पर ध्यान नहीं देते थे.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि रामदास कदम और आनंद राव अडसुल दोनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के खेमे में शामिल होंगे. रामदास के बेटे योगेश कदम पहले ही शिंदे खेमे में शामिल हो चुके हैं. अपने हाथों से दरकती पार्टी की बागडोर को अब उद्धव ठाकरे संभाल नहीं पा रहे हैं.
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12 सांसद हैं एकनाथ शिंदे के साथ, उद्धव को झटका
महाराष्ट्र से शिवसेना के एक सांसद ने सोमवार को दावा किया कि पार्टी के 19 में से कम से कम 12 सांसद लोकसभा में एक अलग समूह बनाएंगे और इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक औपचारिक पत्र सौंपने के लिए उनसे मिलेंगे.
संसद में भी खत्म हो गया उद्धव का वर्चस्व
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना कुछ सप्ताह पहले दो फाड़ हो गई थी और 40 विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हो गए थे. शिवसेना के एक सांसद ने कहा, 'आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन बैठक में हम शामिल हुए. हमने मुंबई के सांसद राहुल शेवाले के नेतृत्व में एक अलग समूह बनाने का फैसला किया है. लोकसभा में वह हमारे समूह के नेता होंगे.'
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किन नेताओं ने छोड़ दिया उद्धव का साथ?
शिवसेना सांसद विनायक राउत, अरविंद सावंत, गजानन कीर्तिकर, संजय जाधव, ओम राणे निम्बालकर और राजन विचार सोमवार को एकनाथ शिंदे की बुलाई बैठक में शामिल नहीं हुए, वहीं शिवसेना के कुल 12 सांसदों ने इसमें हिस्सा लिया. लोकसभा में शिवसेना के 19 सांसद हैं, जिनमें से 18 महाराष्ट्र से हैं. अगर सांसद भी साथ छोड़ रहे हैं ऐसा संभव है कि उद्धव ठाकरे अपने पिता की पार्टी का चिन्ह भी गंवा दें.
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नई सरकार पर क्या बोल रही है शिवसेना?
शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिना मंत्रिमंडल के ‘संवैधानिक दुविधा’ की स्थिति में होने के बावजूद सरकार मनमाने फैसले ले रही है. शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में 30 जून को शपथ ली थी और उनके साथ देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उसके बाद से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है.
विरोधियों को उद्धव ठाकरे की ललकार- शिवसैनिकों पर अत्याचार नहीं सहेंगे
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक नई सरकार ने आरे में मेट्रो रेल कारशेड, औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों और प्रस्तावित नवी मुंबई हवाई अड्डे के नाम बदलने संबंधी फैसले लेने शुरू कर दिए हैं. शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने जोर देते हुए कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध है, क्योंकि बागी विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
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