डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती नजर आ रही है. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर हुई बैठक बेनतीजा रही. माना जा रहा है कि अजीत पवार वित्त मंत्रालय को लेकर अड़े हुए हैं. आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार क्यों नहीं हो रहा है?
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार और पार्टी विधायकों के एक ग्रुप के शामिल होने के नौ दिन बाद भी त्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभागों का बंटवारा इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि मंत्री पद के दावेदार अधिक हैं. माना जा रहा है कि 17 जुलाई से पहले मानसून सत्र शुरू होगा.
अजित पवार की मांग नहीं मान रहे सीएम शिंदे?
मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि मंगलवार को एक बार फिर से हुई बैठक में कैबिनेट विभागों में फेरबदल का प्रस्ताव रखा. जिसे सीएम शिंदे ने इंकार कर दिया. कहा जा रहा है कि अजित पवार ने वित्त, सिंचाई, पर्यटन, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय और ग्रामीण विभाग जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग मांगे हैं. इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार में भी एक कैबिनेट मंत्री का पद मांगा है.
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सीएम शिंदे पर है उनके विधायकों का दबाव?
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिंदे पर उनके विधायकों का दबाव है क्योंकि सरकार बनने के 1 साल बाद भी कुछ लोग अभी तक मंत्री पद का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जून में तत्कालीन सीएम उधव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से शिंदे अलग हो गए थे. कहा जाता है कि उन्होंने अपने खेमे को आश्वासन दिया था कि वह भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद ज्यादा लोगों को कैबिनेट में शामिल करेंगे.
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गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे अजित पवार
विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही राजनीतिक कलह के बीच अजित पवार ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री बीजेपी सांसद अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली जाएंगे. उन्हें उम्मीद है कि गृह मंत्री से मुलाकात करने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी और मुद्दे भी हल हो जाएंगे.
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