महाराष्ट्र में फिर होगा बड़ा खेल? शिंदे की शिवसेना छोड़ ठाकरे के पास आना चाहते हैं 22 विधायक, 9 सांसद

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 30, 2023, 10:34 AM IST

Maharashtra Politics

Maharashtra Politics: साल 2022 में महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा घमासान देखने को मिला था. एकनाथ शिंदे ने बगावत कर उद्धव ठाकरे नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया था.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथर-पुथल देखी जा सकती है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद विनायक राउत ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे गुट के 22 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि विधायक ही नहीं शिंदे की शिवसेना के 9 सांसद भी हमारे पास वापस आने के लिए तैयार हैं. यह सभी लोग वहां परेशान हैं. क्योंकि इनके काम नहीं हो रहे हैं. मुख्यमंत्री भी उनकी कोई बात नहीं सुन रहे हैं.

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, विनायक राउत ने यह दावा शिंदे गुट के सांसद गजानन कीर्तिकर के उस बयान बाद किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी शिंदे शिवसेना के सांसदों को तवज्जों नहीं दे रही है. एनडीए के साथ होने के बावजूद उन्हें सम्मान मिल रहा और ना ही उनका कामकाज किया जा रहा है. राउत ने साथ ही यह भी दावा किया कि मंत्री शंभुराजे देसाई ने कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे को पत्र भी लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें यहां (शिंदे शिवसेना में) घुटन हो रही है और वह वापस आना चाहते हैं.

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हालांकि, शंभुराजे देसाई राउत के इस दावे को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कोई खत उद्धव ठाकरे को नहीं लिखा है. देसाई ने विनायक राउत से माफी मांगने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मैं चेतावनी दे रहा हूं कि अगर राउत ने अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगी तो मैं कानून कार्रवाई करूंगा.

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गौरतलब है कि जून 2022 मे एकनाथ शिंदे ने बगावत कर उद्धव ठाकरे नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरा दी थी. शिंदे ने शिवसेना के आधे से ज्यादा विधायकों को तोड़ लिया था और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. उद्धव गुट के 13 सांसद भी शिंदे के पास चले गए थे. साल 2019 में जब शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाई तो मुख्यमंत्री बनने की होड़ में एकनाथ शिंदे सबसे आगे थे. यहां उद्धव ठाकरे ने परंपरा पलटते हुए पहली बार ठाकरे परिवार से मुख्यमंत्री महाराष्ट्र को देने का फैसला किया था. इसके बाद उद्धव ने मुख्यमंत्री पद पर शपथ ली. इससे एकनाथ शिंदे उनसे छिटक गए थे. 

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