महाराष्ट्र की राजनीति पिछले कुछ वक्त से चर्चा में हैं. शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद अब फिर से बड़े बदलाव का दावा किया जा रहा है. एनसीपी के कई विधायकों के शरद पवार से संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है. दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट ने भी दावा किया है कि शिवसेना के कई विधायक हमारे संपर्क में है. इसी साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. उससे पहले दल-बदल और बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती है.
उद्धव ठाकरे ने NDA में जाने के दावों से किया इनकार
उद्धव ठाकरे दिल्ली में हुई इंडिया अलायंस की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं. हालांकि, शुक्रवार को उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं से अपने बंगले मातोश्री पर मुलाकात की है. संजय राउत ने भी कहा है कि विपक्षी एकता मजबूत है और अब हम मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उद्धव ठाकरे से शिंदे गुट के विधायकों के संपर्क में रहने के दावे के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति पर सबकी नजर रहेगी.
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NDA में शिंदे गुट और एनसीपी को जोड़े रखने की कोशिश
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला है और आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अपने सहयोगियों को साथ रखना चाहती है. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि एनसीपी (अजित पवाप) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) को भी एक-एक मंत्री पद दिया जाएगा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी सहयोगियों को साथ मिलाकर चलना चाहती है. हालांकि, इन सारी अटकलों पर विराम मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ होने के बाद ही होगी.
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