मुंबई में सेबी हेडक्वाटर के सामने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरफ से जमकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. ये प्रोटेस्ट सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के खिलाफ है. इसको लेकर युवा कांग्रेस के सदस्य सड़कों पर उतर आए हैं. उनकी तरफ से लगातार इस्तीफे की मांग की जा रही है. माधबी पुरी बुच को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से कई सारे खुलासे किए गए हैं. इस खुलासे में माधवी पुरी बुच पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं. कहा गया है कि अपने पद पर रहते हुए उन्होंने अडानी कंपनी को फायदा पहुंचाया था.
रेंटल प्रॉपर्टी का SEBI जांच का कोई लेना-देना नहीं
माधवी पुरी बुच और धवल बुच प्रॉपर्टी से रेंटल आमदनी को लेकर किए गए प्रश्न को लेकर प्रॉपर्टी व्यवहारिक तौर पर रेंट पर सौंपी गई थी. वहीं आरोप में कहा गया है कि इसके पीछे कि इसमें सेबी का भी रोल भूमिका रही थी. उन्होंने कहा कि ये तथ्य आधारहीन और झूठे हैं. यह रेंटल इनकम पूरी तरह से मार्केट के अनुसार थी. इसमें SEBI की जांच से कोई लेना देना नहीं था.
कांग्रेस की तरफ से लगाया गया आरोप
हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि धवल बुच ने महिंद्रा समूह से पैसे लिए थे. ये राशि 4.78 करोड़ रुपये की थी. SEBI नियमों को तोड़ने के मामले को लेकर उस कंपनी के विरद्ध जांच कर रहा था. साथ ही आरोप लगाया गया कि माधबी पुरी बुच जब से सेबी के साथ जुड़ी हैं, उन्होंने किसी भी लेवल पर अगोरा एडवाइजरी, पिडिलाइट, डॉ रेड्डीज, अल्वारेज़ एंड मार्सल, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा समूह, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या ICICI बैंक से संबंधित फाइल को कभी भी नहीं निपटाया.
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