डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सरकार गिर चुकी है और बीजेपी (BJP) के समर्थन से शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मुख्यमंत्री बन गए हैं. उद्धव ठाकरे से सीएम पद की कुर्सी की छिनने के चलते एकनाथ शिंदे एक विलेन साबित हुए है लेकिन विलेन बनने के बावजूद उन्होंने उद्धव ठाकरे पर एक एहसान किया है जिसका राज अब उनके ही गुट के विधायक ने खोला है और यह बीजेपी से लिए हुए एक वचन से जुड़ा है.
दरअसल, एकनाथ शिंदे ने भाजपा से कहा था कि सत्ता में आने के बाद उद्धव ठाकरे के साथ कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए. वहीं यह भी खुलासा हुआ है कि शिंदे ने भाजपा से एक वादा भी लिया था. इस वादे के मुताबिक यह सहमति बनी थी कि बीजेपी द्वारा कभी भी उद्धव को निशाना नहीं बनाया जाएगा और न ही उनके खिलाफ कोई राजनीतिक द्वेष से प्रेरित कार्रवाई होगी.
दरअसल, शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे ने भले ही उद्धव ठाकरे से बगावत की हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी से यह वचन लिया था कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके परिवार को निशाना नहीं बनाया जाएगा. प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि भाजपा नेता किरीट सोमैया, जो अक्सर महाराष्ट्र में पिछली ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते थे वो बीजेपी के इस वचन से अंजान थे इसलिए उन पर हमले करते रहते थे.
Election 2024 के लिए पसमांदा मुस्लिमों पर है BJP की नजर, जानिए क्या हैं इस समाज की बड़ी मांगे
आपको बता दें कि केसरकर और कुछ अन्य बागी विधायकों ने उद्धव पर किरीट सोमैया द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा, "जब हम (शिवसेना के बागी विधायक) गुवाहाटी से लौटे और भाजपा नेताओं के साथ बैठक की तो हमने स्पष्ट कर दिया कि हमने अपने परिवार के मुखिया (ठाकरे) को ठेस पहुंचाई है लेकिन हम उनकी आलोचना की अनुमति नहीं देंगे." ऐसे में ये विधायक लगातार डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से किरीट सोमैया की शिकायत कर रहे हैं.
वॉल पेनिट्रेशन रडार क्या है, जिसका अमरनाथ रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी कर रही इस्तेमाल?
इस पूरे विवाद को लेकर केसरकर ने कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस शिंदे गुट की बातों से सहमत थे और उन्होंने सोमैया से बात भी की थी और उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाने से बचने को कहा था. गौरतलब है कि शिंदे गुट के विधायकों के इस रुख को उद्धव को साथ बनाकर रखने और उन्हें मनाने की प्लानिंग के तौर पर देखा जा रहा है जबकि वे इसे एक एहसान भी बता रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.