महाराष्ट्र में मौजूद सिंधुदुर्ग जिले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की एक ऊंची प्रतिमा के ढहने को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है. इस मामले को लेकर दो लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज की गई है. ये प्रतिमा 35 फीट ऊंची थी, इसका अनावरण पिछले साल ही पीएम मोदी के द्वारा किया गया था. इसका अनावरण नौसेना दिवस के खास मौके पर किया गया था. इसके ढहने के बाद से प्रदेश में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. विपक्षी पार्टियों की ओर से मौजूदा शिंदे सरकार की जमकर आलोचना की जा रही है. साथ ही आरोप लगाए जा रहे हैं कि प्रतिमा को स्थिपित करने के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया.
इस मामले को लेकर बड़ा एक्शन
चारों ओर से इस घटना को लेकर सवाल उठता देख महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लिया है. ठेकेदार जयदीप आप्टे के ऊपर मामला दर्ज कराया गया है, साथ ही उसके सहयोगी चेतन पाटिल के विरुद्ध भी एफआईआर रजिस्टर की गई है. दोनों ही लोगों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस संदर्भ में सिंधुदुर्ग पुलिस की तरफ से सूचना प्रदान की गई है.
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नौसेना ने संभाला मोर्चा
वहीं, प्रतिमा को फिर से स्थापित करने के लिए भारतीय नौसेना की तरफ से पहल की गई है. नौसेना ने इसकी जांच के लिए अलग से एक टीम स्थापित की है. ढहने के बाद प्रतिमा में आई क्षति की मरम्मत के लिए नौसेना की एक टीम काम पर लग गई है. इस मामले को लेकर भारतीय नौसेना की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि 'प्रतिमा की ढहने की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी जांच की जा रही है. प्रदेश की सरकार और इससे जुड़ी संस्थाओं के साथ मिलकर इसे फिर से सही करने के दिशा में कार्य किए जा रहे हैं.'
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