डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में भले सत्ता की लड़ाई बीजेपी और शिवसेना का बागी एकनाथ शिंदे जीत चुका हो लेकिन अब नई लड़ाई शिवसेना (Shivsena) के अधिपत्य को लेकर है. सीएम एकनाथ शिंदे के गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर 5 याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं जिसको लेकर आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सुनवाई क्या टाली गई आप लोगों ने तो सरकार ही बना ली है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे पक्ष के वकील हरीश साल्वे से कहा, "हमने 10 दिन के लिए सुनवाई टाली थी. आपने सरकार बना ली. स्पीकर बदल दिया." वहीं इस पर शिंदे गुट के वकील हरीश साल्वे ने कहा, "उद्धव ठाकरे ने खुद ही CM पद से इस्तीफा दे दिया था." वहीं उद्धव ठाकरे पर हमला और शिंदे गुट का शिवसेना पर दावा करते हुए साल्वे ने कहा, "एक व्यक्ति या नेता पूरी पार्टी नहीं हो सकता है."
पार्टी पर ठोका दावा
शिंदे गुट ने दो तिहाई विधायक अपने साथ होने के चलते शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा है जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. वहीं इस मामले में उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, "अगर 2 तिहाई विधायक शिवसेना से अलग होना चाहते हैं तो उन्हें किसी से विलय करना होगा या नई पार्टी बनानी होगी. वह नहीं कह सकते कि वह मूल पार्टी हैं."
अलग पार्टी बनाएं या करें विलय
कपिल सिब्बल ने कहा है कि जिस तरह से उन्होंने (शिंदे गुट) पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है. वे मूल पार्टी होने का दावा नहीं कर सकते. 10वीं अनुसूची इसकी अनुमति नहीं देती है. पार्टी सिर्फ विधायकों का समूह नहीं होती है. इन लोगों को पार्टी की बैठक में बुलाया गया. वह नहीं आए. डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिख दी. अपना व्हिप नियुक्त कर दिया है. असल में उन्होंने पार्टी छोड़ी है. वह मूल पार्टी होने का दावा नहीं कर सकते. आज भी शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं.
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सिब्बल ने कहा है कि जब संविधान में 10वीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी प्रावधान) को जोड़ा गया तो उसका कुछ उद्देश्य था. अगर इस तरह के दुरुपयोग को अनुमति दी गई तो विधायकों का बहुमत सरकार को गिरा कर गलत तरीके से सत्ता पाता रहेगा और पार्टी पर भी दावा करेगा. पार्टी की सदस्यता छोड़ने वाले विधायक अयोग्य हैं. चुनाव आयोग जाकर पार्टी पर दावा कैसे कर सकते हैं.
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गौरतलब है कि शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट पार्टी को लेकर चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट के पास गए हैं. वहीं खास बात यह है कि हाल ही में एक बयान में सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें किसी सिंबल की आवश्यकता नहीं है वे जहां भी जाएंगे चुनाव जीत जाएंगे.
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