डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के शिक्षक अर्हता परीक्षा (टीईटी) 2019-20 में गड़बड़ी का मामला बढ़ता जा रहा है. परीक्षा में गड़बड़ी की वजह से अयोग्य ठहराए गए और इस परीक्षा में दोबारा शामिल होने से रोके गए 7,880 अभ्यर्थियों की सूची में बागी विधायक अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) की तीन बेटियों और एक बेटे का नाम आया है. इसके बाद, शिवसेना के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) धड़े के नेताओं ने सोमवार को जांच की मांग की है. शिवसेना के बागी गुट पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि कल शायद अब्दुल सत्तार ही राज्य के शिक्षा मंत्री बन जाएं.
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे अब्दुल सत्तार ने सोमवार को कहा कि वह इस बात की जांच की मांग करेंगे कि कैसे उनकी दो बेटियों के नाम सूची में आए जबकि वे तो यह परीक्षा पास भी नहीं कर पाई थीं. उन्होंने दावा किया कि उनका बेटा इस परीक्षा में कभी शामिल ही नहीं हुआ. हालांकि, अपनी तीसरी बेटी के विषय में वह जवाब देने से बचते नजर आए.
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विपक्ष कर रहा है जांच की मांग
शिवसेना (उद्धव ठाकरे धड़े) के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने टीईटी मामले में सत्तार की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच की मांग की. उन्होंने कहा, 'जब ऐसा ही मामला सामने आया था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल नीलांगेकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन अब अब्दुल सत्तार जैसे लोग बड़े विभागों के लिए अपने पक्ष में चीजें लामबंद कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार जैसे लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. यह गंभीर मुद्दा है और टीईटी घोटाले में अब्दुल सत्तार की भूमिका का पता लगाया जाना चाहिए.
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महाराष्ट्र TET घोटाला क्या है?
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद (एमएससीई) ने गत बुधवार को कहा था कि उसने 7,880 उम्मीदवारों को टीईटी, 2019 के अंकपत्र में छेड़छाड़ में उनकी संलिप्तता को लेकर अयोग्य ठहरा दिया है. परिषद के अनुसार, 7,880 उम्मीदवारों में से 7,500 ने अंतिम परीक्षा के परिणाम में खुद को 'पात्र' दिखाने के लिए पैसे देकर परिणाम में कथित रूप से छेड़छाड़ की जबकि 293 अभ्यर्थियों ने अंतिम परीक्षा के बाद स्वयं को पात्र उम्मीदवार दर्शाते हुए फर्जी प्रमाण हासिल किए.
इस मामले में अब्दुल सत्तार ने कहा, 'मेरी दो बेटियां (हीना कौसर अब्दुल सत्तार शेख और उज्मा नाहिद अब्दुल सत्तार शेख) जनवरी, 2020 में टीईटी परीक्षा में शामिल हुईं. मेरा बेटा एलएलबी कर रहा है. वह परीक्षा में शामिल भी नहीं हुआ. मेरी दो बेटियां परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो पाईं और वे अपात्र हैं. हमारे पास यह दर्शाने के लिए प्रमाणपत्र हैं कि वे अपात्र हैं. मैं इस बात की जांच की मांग करूंगा कि कैसे उनके नाम सूची में आए.' सत्तार की दो बेटियां उनसे संबंधित एजुकेशन सोसाइटी में काम करती हैं. विधायक ने सवालिया लहजे में कहा, 'मेरी दो बेटियां अपात्र थीं, इसलिए उनकी तनख्वाह रुक गई है. अगर वे पात्र होतीं तो क्या उन्होंने चार साल से शिक्षण संस्थान से लाभ (तनख्वाह) नहीं लिया होता?'
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