महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में जबरदस्त उबाल देखने को मिल रहा है. विपक्षी दलों का गठबंधन 'INDIA' राज्य की सत्ताधारी महायुति सरकार पर जोरदार हमले कर रहा है. इस बढ़ते राजनीतिक तापमान के बीच शिवसेना (यूबीटी) के लीडर उद्धव ठाकरे ने एक अहम बयान दिया है.
ED CBI की छापेमारियों पर उद्धव का हमला
उद्धव ठाकरे ने देश में हो रही ED और CBI की लगातार छापेमारियों का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों की कार्रवाईयों का निशाना सिर्फ विपक्षी नेता बन रहे हैं. इस संदर्भ में ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे और राजीव गांधी के बीच के रिश्तो का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "बालासाहेब ने राजीव गांधी की कड़ी आलोचना की थी, लेकिन कभी भी उनके घर पर ED, CBI या Income Tax की टीमें नहीं पहुंची. उस समय नेताओं ने कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं की थी." उद्धव ठाकरे ने यह बयान राजीव गांधी की 80वीं जयंती पर हुए 'सद्भावना दिवस' कार्यक्रम में दिया, जहां उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय एजेंसियों के misuse का आरोप लगाया.
कांग्रेस के मंच पर उद्धव की मौजूदगी
यह बात भी गौर करने वाली है कि 2019 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बाद यह पहली बार था, जब उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के किसी कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए कांग्रेस का निशान भी पहना, जो उनके कांग्रेस के साथ रिश्तों की मजबूती को दिखाता है. इस कार्यक्रम में एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद थे.
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नेहरू-गांधी परिवार के योगदान का महत्व
सद्भावना दिवस कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने भी बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेहरू गांधी परिवार के प्रति बदले की भावना रखते हैं." उन्होंने यह भी कहा कि इस परिवार की चार पीढ़ियों ने देश के लिए अपना योगदान दिया है, और देश के इतिहास से उनके योगदान को कोई नहीं मिटा सकता. पवार के इस बयान ने यह साफ कर दिया कि नेहरू गांधी परिवार का भारतीय राजनीति में एक अहम स्थान है जिसे नकारा नहीं जा सकता.
उद्धव का बयान और राजनीतिक संकेत
उद्धव ठाकरे का यह बयान उस समय आया है जब महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. उनका यह बयान यह संकेत देता है कि चुनावों में विपक्षी दलों की एकता और भी मजबूत हो सकती है. इसके साथ ही, उद्धव ठाकरे का कांग्रेस के मंच पर दिखाई देना, आने वाले समय में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी बड़े बदलावों की ओर इशारा देता है.
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