Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी का वो आखिरी भाषण, जिसने खूब बटोरी थीं सुर्खियां

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 02, 2023, 10:22 AM IST

Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi Birth Anniversary: 2 अक्टूबर को हर वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दुनियाभर में जयंती मनाई जाती है. हर कोई उनके योगदान को याद करके कुछ सीखना चाहता है.

डीएनए हिंदी: 2 अक्टूबर का दिन भारत के इतिहास में खास माना जाता है. क्योंकि इस दिन बापू यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था. देश आज बापू की 154वीं जयंती मना रहा है. उनके विचारों को दुनियाभर में याद किया जाता है. गांधी ने अहिंसक सत्याग्रहों के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके इस योगदान को आज हर कोई याद करता है. बापू की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. गांधी जी मरने से 18 दिन पहले आखिरी भाषण दिया था, जिसकी खूब चर्चा हुई थी.

दरअसल, 1947 में जब  देश को आजादी मिली तो भारत-पाकिस्तान में बंटवारे की रूपरेखा बनने लग गई थी. दोनों देशों को बंटवारे के लिए 73 दिनों का समय मिला था. इस बंटवारे की वजह से देश में सांप्रदायिक दंगे होने लगे थे. हिंदू, मुस्लिम और सिख एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे. इन दंगों ने गांधीजी को हिलाकर रख दिया था. अहिंसा के बल पर देश से अंग्रेजों को खदड़ने वाले बापू अपने ही लोगों के खून बहता देख बहुत दुखी थे. तब उन्होंने दंगों को रोकने के लिए 13 जनवरी को अनशन पर जाने का फैसला किया.

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बापू का क्या था आखिरी भाषण?
12 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी ने दिल्ली में आखिरी भाषण दिया. उन्होंने कहा, 'मेरा उपवास कल खाना से शुरू होगा लेकिन अंत तब होगा जब मुझे सभी लोग इस बात की संतुष्टि देंगे कि हिंसा खत्म हो गई और सभी लोग फिर बगैर किसी दबाब के पहले की तरह भाईचारे से रहने लगे हैं.' बापू ने आगे कहा, 'नि-सहायों की तरह भारत, हिंदू, मुस्लिम और सिखों की बर्बाद होते देखने से अच्छा है मैं मृत्यु को गले लगा लूं. मेरे लिए यह ज्यादा सम्मान जनक उपाय होगा.' 

बापू का आखिरी भाषण बना हत्या का कारण
इसके बाद गांधीजी अनशन पर बैठ गए. 5 दिन बाद देश में शांति होने लगी और लोगों ने बापू की बात मानी. लोगों ने प्रण लिया कि नहीं लड़ेंगे. बताया जाता है कि बापू के इस आखिरी भाषण ने खूब सुर्खियां बटोरी थी और वही भाषण उनकी हत्या का कारण बना. भारत के बंटवारे की वजह कुछ लोग पहले ही गांधी जी से नाराज चल रहे थे. आखिरकार 30 जनवरी 1948 को बापू जब बिरला हाउस में प्रार्थना करने जा रहे थे तो नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी थी.

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