मैनपुरी संसदीय क्षेत्र यादव बहुल क्षेत्र है. इसे मुलायम सिंह के गढ़ के रूप में भी जाना जाता है. आजादी के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट कांग्रेस के हाथ लगातार 5 बार रही. लेकिन 1996 में सपा के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह ने इस सीट से पहली बार किस्मत आजमाई और वे कामयाब हुए. दरअसल, मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से बिल्कुल सटा है सपा परिवार का घर सैफई. बता दें कि आम चुनाव 2024 के तहत मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए 7 मई को मतदान होना है.
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2019 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी संसदीय क्षेत्र से मुलायम सिंह यादव की जीत हुई थी. उन्हें कुल 524926 मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे थे भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्य, जिन्हें इस क्षेत्र के कुल 430537 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह मुलायम सिंह यादव 94389 वोटों के अंतर से जीत गए थे. पर उनके निधन के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को इस सीट से चुनाव लड़वाया था और उन्हें इस क्षेत्र के मतदाताओं का पूरा समर्थन मिला. वे बतौर सांसद चुन ली गईं. खास बात यह रही कि मैनपुरी लोकसभा सीट से पहली बार कोई महिला प्रत्याशी सांसद के रूप में चुनी गई है. इस उपचुनाव में डिंपल यादव ने 2.88 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
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2019 में मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में कुल 1723236 वोटर थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 789084 थी जबकि पुरुष वोटर 934094 थे. मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - मैनपुरी, भोंगांव, किशनी (एससी), करहल और जसवन्तनगर. उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव ने पांच बार मैनपुरी लोकसभा सीट से जीत हासिल की.
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