राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह 'कुर्सी बचाओ' बजट है. बिहार और आंध्र प्रदेश को थालियों में 'पकौड़ा और जलेबी' परोसा गया, जबकि अन्य राज्यों को कुछ नहीं मिला. यह बजट केवल अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है. खड़गे ने इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा.
राज्यसभा में में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई तीखी नोकझोंक के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार उन्हें 'माताजी' कहकर संबोधित किया और कहा कि वह बोलने में माहिर हैं. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि सीतारमण उनकी बेटी की तरह हैं. नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस को सभापति धनखड़ द्वारा खारिज करने के बाद विपक्ष के नेता खरगे ने बजट का जिक्र करते हुए कहा, ‘इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला. सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी.’
उन्होंने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला. मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा. यह बजट कुर्सी बचाने और अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए था. यह सब हुआ है. हम इसकी निंदा करते हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ‘इंडिया’ गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं.
'राज्यों को नजरअंदाज करने वाला बजट'
खरगे ने आरोप लगाया कि जिन क्षेत्रों में विपक्षी पार्टी चुनकर आई है या जहां जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को नकार दिया है, उन क्षेत्रों को बजट में नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने प्रश्न उठाया कि अगर बजट में संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा? इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए. सत्तारूढ़ बीजेपी हाल ही में संपन्न आम चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर सकी थी.
यह सरकार बिहार की जेडीयू और आंध्र प्रदेश की टीडीपी के समर्थन पर टिकी है. दोनों दल लंबे समय से अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष दर्जे की मांग करते रहे हैं. खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया.
सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बजट पेश करने के दौरान महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया लेकिन हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना (महाराष्ट्र) को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि वह कई अन्य राज्यों का हवाला दे सकती हैं जिन्हें बड़ी परियोजनाएं मिली हैं. (इनपुट- PTI)
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