डीएनए हिंदी: कांग्रेस समेत देश के 18 विपक्षी दलों ने सोमवार को फैसला किया कि लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे भी मिलकर काम करते रहेंगे और अडाणी समूह से जुड़े मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग जारी रखेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने आवास 10 राजाजी मार्ग पर अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ विपक्षी दलों के नेताओं को डिनर पर बैठक के लिए आमंत्रित किया था. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध मार्च निकाला और संसद में काले कपड़े पहने गए. बताया जा रहा है कि कल भी काले कपड़े पहनकर विपक्षी नेता संसद में विरोध करेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष की इस बैठक में कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, डीएमके नेता टीआर बालू, तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी और कई अन्य विपक्षी नेता शामिल हुए. बैठक में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराये जाने से जुड़े घटनाक्रम और अडाणी समूह से जुड़े मामले में जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.
अडानी मुद्दे पर सरकार को घेरने पर चर्चा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'एक व्यक्ति को बचाने के लिए मोदी जी 140 करोड़ लोगों के हितों को कुचल रहे हैं. प्रधानमंत्री के 'परम मित्र' की रक्षा करने के लिए भाजपा ने संसद में गतिरोध कायम किया.' उन्होंने सवाल किया कि अगर कुछ गलत नहीं हुआ है तो सरकार संयुक्त संसदीय समिति से जांच की विपक्ष की मांग से भाग क्यों रही है. बैठक के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "एक घंटे से अधिक समय तक हुई चर्चा में विपक्षी दलों ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि देश में लोकतंत्र को समाप्त किया जा रहा है."
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी को एक और झटका, सांसदी जाने के बाद अब बंगला भी छिनेगा, सरकारी नोटिस जारी
उनके मुताबिक, यह फैसला किया गया है कि तानाशाही के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सब मिलकर चलेंगे. अडाणी मामले में जेपीसी की हमारी मांग जारी रहेगी. लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति, खासकर एक व्यक्ति के हाथों में सारी संपत्तियों का जाना और लोकतंत्र की स्थिति के बारे में चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि हम आगे भी एक दूसरे से संपर्क में रहेंगे. मेरा मानना है कि यह भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के तानाशाही शासन के अंत की शुरुआत है.
उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं ने बनाई दूरी
बैठक में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का कोई सदस्य शामिल नहीं हुआ. माना जा रहा है कि विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी के चलते उद्धव ठाकरे की पार्टी ने इस बैठक से दूरी बनाई है.
'सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे', राहुल के बयान से भड़के उद्धव ठाकरे, खड़गे की डिनर पार्टी से बनाई दूरी
काले कपड़े पहनकर किया विरोध
इससे पहले विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ और अडाणी समूह से जुड़े मामले में जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस और कुछ अन्य सहयोगी दलों के सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में काले कपड़े पहन रखे थे. विपक्षी नेताओं ने पहले संसद परिसर में धरना दिया और फिर विजय चौक तक मार्च निकाला. (भाषा इनपुट के साथ)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.