West Bengal से बाहर TMC का कैसे विस्तार करेंगी Mamata Banerjee? ये है खास रणनीति

अभिषेक शुक्ल | Updated:Jul 16, 2022, 08:24 PM IST

Mamata Banerjee

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की राजनीति में TMC साल 2011 में सत्ता में आई थी. ममता बनर्जी ने 34 साल के वामपंथी शासन को खत्म कर दिया था. शहीद दिवस पर हर बार दूसरे दलों के नेता टीएमसी में शामिल होते रहे. बीते 2 साल से ऐसा नहीं हुआ है.

डीएनए हिंदी: ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) तृणमूल कांग्रेस (TMC) को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए बेचैन नजर आ रही हैं. वह चाहती हैं कि पश्चिम बंगाल के बाहर भी तृणमूल कांग्रेस का विस्तार हो और वह खुद को राष्ट्रीय स्तर का नेता साबित कर सकें. वह खुद को कांग्रेस (Congress) का राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत विकल्प साबित करना चाहती हैं लेकिन यह अभी दूर की कौड़ी नजर आ रही है.

ममता बनर्जी 2014 से ही खुद को राष्ट्रीय स्तर की नेता साबित करने की कोशिशों में जुटी हैं. दिलचस्प यह है कि वह अपने ही सूबे में भारतीय जनता पार्टी के विस्तार की चुनौतियों से जूझ रही हैं. ममता बनर्जी शहीद दिवस के मौके पर अब तक बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करती रही हैं. कोविड-19 महामारी की वजह से यह मीटिंग वर्चुअल हो रही है. पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में इसका प्रसारण भी किया गया लेकिन ममता बनर्जी को कोई बढ़त नहीं मिली.

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अभिषेक-ममता के भाषण के विस्तार पर TMC का जोर
 
ममता बनर्जी एक बार फिर से खुद को स्थापित करने की कोशिशों में जुटी है. एक बार फिर यह कार्यक्रम अपने पुराने  स्वरूप में मनाया जाएगा. मध्य कोलकाता में होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भाषण देंगे. 

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तृणमूल कांग्रेस को विस्तार देने की तैयारियों में जुटीं ममता बनर्जी अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को हर जगह साथ रख रही हैं. वह चाहती हैं कि उनके इस कार्यक्रम का प्रसारण 7 राज्यों में हो. असम, मेघालय, त्रिपुरा, गोवा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में टीएमसी सीधे इस कार्यक्रम का प्रसारण करेगी. 

हर राज्य में अपने बेस को मजबूत कर रही है TMC

तृणमूल प्रदेश महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष का कहना है कि धीरे-धीरे लेकिन लगातार, पार्टी दूसरे राज्यों में अपने बेस को मजबूत कर रही है. कुणाल घोष ने कहा कि मेघालय में हम वर्तमान में प्रमुख विपक्षी दल हैं. इसलिए, हमारे बढ़ते राष्ट्रीय आधार को ध्यान में रखते हुए, हमने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के भाषणों को पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में विशाल स्क्रीन पर प्रसारित करने का निर्णय लिया है.

TMC के मेगा प्लान पर क्या कहते हैं लोग?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक स्थानीय कार्यकर्ता संगम वरुण का कहना है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में हो सकता है कि ममता बनर्जी को भाषी क्षेत्रों में उन्हें कौन सुनेगा इस पर संशय बना हुआ है. न तो उनकी भाषण शैली प्रभावी है न ही हिंदी पट्टी उन्हें सुनने के लिए तैयार होगी.

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उत्तर प्रदेश की राजनीति पर बारीक नजर रखने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता और पूर्व पीसीसी मेंबर प्रमोद उपाध्याय कहते हैं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी की भाषण शैली सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही लोकप्रिय हो सकती है. बाहर उनके बयानों पर सिर्फ मीम बन सकते हैं.

बीजेपी के दिग्गजों को पार्टी में शामिल करने की तैयारी!

राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस साल भारतीय जनता पार्टी के कुछ दिग्गज नेता तृणमूल में शामिल होंगे. हालांकि इस मुद्दे पर तृणमूल नेतृत्व पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है.

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