डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) गुरुवार से चार दिवसीय राजधानी दिल्ली के दौरे पर हैं. इस दौरान वे अनेकों राजनीतिक घटनाक्रमों का हिस्सा होंगी. वहीं खास बात यह है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में भी हिस्सा लेने वाली हैं. यह बैठक सबसे ज्यादा अहम मानी जा रही है क्योंकि काफी लंबे वक्त बाद पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली किसी बैठक में ममता बनर्जी शामिल होंगी.
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपने इस दिल्ली दौरे के दौरान पक्ष और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं. इसके अलावा वह सात अगस्त को नीति आयोग की एक बैठक में भी हिस्सा लेंगी. इसके अलावा वे टीएमसी के कई लोकसभा और राज्य सभा के सांसदों के साथ एक बैठक करेंगी जिसमें पार्टी मोदी सरकार को घेरने की प्लानिंग कर सकती है.
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना की स्थिति से लेकर वैक्सीनेशन और तूफान के दौरान पीएम मोदी ने कई बार मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी जिसमें ममता शामिल नहीं हुईं. ठीक इसी तरह पिछले वर्ष हुई नीति आयोग की बैठक तक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं थीं. इससे केंद्र और पश्चिम बंगाल की बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा था लेकिन ममता के नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के चलते यह माना जा रहा है कि अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो सकती है.
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से मिली करोड़ों की नकदी मिलने और पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी का नाम आने से ममता सरकार पहले ही बैकफुट है. इसी बीच सीएम ने अपनी कैबिनेट में विस्तार के साथ बड़े बदलाव भी किए हैं. वहीं पार्थ चटर्जी पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए ईडी तक का समर्थन किया था.
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ऐसे में विपक्षी दलों ने भी ममता बनर्जी के राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्र्पति चुनावों में रुख को लेकर उनकी आलोचना की थी. इन सबके बीच उनकी मुलाकात यूपीए अध्यक्षा और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी से भी होगी. यह माना जा रहा है कि ममता एक तरफ जहां पीएम से मिलकर संघीय परंपरा का पालन करने वाली हैं तो दूसरी ओर विपक्षी एकता का सख्त संदेश भी दे सकती हैं.
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