डीएनए हिंदीः पश्चिम बंगाल में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का हाथ सिर्फ इसलिए काट दिया कि उसे पत्नी का नौकरी करना पसंद नहीं थी. पत्नी को राज्य सरकार की ओर से नर्स की नौकरी का नियुक्ति पत्र मिला था. शख्स नहीं चाहता था कि पत्नी नौकरी करे. पति की हैवानिय का अंदाजा इसी से लगाता सकते हैं कि उसने पत्नी का हाथ काटने के बाद उसे छुपा भी दिया जिससे डॉक्टर उसके कटे हाथ को दोबारा ना जोड़ पाएं.
क्या था पूरा माजरा?
घटना पूर्वी बर्दवान ज़िले के केतुग्राम की है जहां रेनू खातून नामक महिला की सरकारी अस्पताल में नर्स के तौर पर नौकरी लगती है लेकिन उसके पति मोहम्मद शेख को अंदर ही अंदर एक डर सताने लगा की अगर उसकी पत्नी ने नौकरी शुरू की तो वो उससे दूर हो जाएगी और उसे छोड़ के चली जाएगी उसके बाद किसी दूसरी आदमी के साथ शादी कर लेगी. मोहम्मद शेख का संदेह जब कुछ ज़्यादा ही बढ़ गया तो उसने एक ऐसा कदम उठा लिया जिससे की सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.
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पति को डर सताने लगा
रेनू खातून की हाल ही में नर्स के तौर पर सरकारी अस्पताल में नौकरी लगी थी और जैसे जैसे वो हर रोज़ अपनी नौकरी में जाने लगी उसके पति मोहम्मद शेख का शक और भी बढ़ता चला गया और insecure होने लगा. शेख के दोस्तों ने उसे भड़काने का काम किया क्युकी वो लोग शेख को हमेशा बोला यह बोला करते थे की एक दिन उसकी बीवी उसे छोड़ के चली जाएगी किसी दूसरे आदमी के साथ जैसे वो अपनी नौकरी जॉइन करेगी.
पीड़िता की कहानी उसी की ज़ुबानी
रेनू खातून ने हमसे बात करने पर बताया कि ''मेरा नाम जब सरकारी नौकरी में आया तो उसके पति ने सोच लिया की उसे यह सरकारी नौकरी नहीं करने देगा क्यूंकि शायद उसके दोस्तों ने उसे भड़काया हो कि अगर मैंने सरकारी नौकरी की तो मैं अपनी पति को छोड़ कर चली जाऊंगी. मैंने कई बार उसे समझाया लेकिन हमारे बीच छोटे मोटे झगड़े होते रहते थे. उसके बाद एक दिन जब दुर्गापुर जाना था तो उससे पहले मेरे पति ने मुझे घर बुलाया और मैं बिलकुल अनजान थी की उसके मन में क्या है.
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रात 10 बजे खाना खाने के बाद जब मैं सो गई लेकीन रात में मेरी दो बार आंख खुली तो मैंने देखा की वो बार बार वाशरूम जा रहा है और पूछने पर बताया कि उसके पेट में दर्द है. उसके थोड़ी ही देर में मुझे एहसास हुआ कि किसी ने मेरे मुंह पर तकिया रख दिया है. किसी ने मेरा हाथ पकड़ रखा है और उसके बाद कैंची जैसी किसी चीज़ से मेरा हाथ काट दिया. कुल 3 लोग थे और जब बाकी लोग वहां से चले गए तो उसके बाद भी मेरे मुंह पर तकिया रख दिया. मेरे सारे डाक्यूमेंट्स भी लेकर भाग गए. उसके बाद मुझे बर्दवान मेडिकल के लिए रेफेर किया गया. वहां प्राथमिक उपचार के बाद दुर्गापुर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में शिफ्ट कर दिया गया क्योंकि घाव बेहद गहरे थे.
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