YouTube पर 'अश्लील कंटेट के चलते परीक्षा में फेल', 75 लाख का हर्जाना मांगा, नाराज SC ने ये कहा

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 09, 2022, 04:16 PM IST

मध्यप्रदेश पुलिस एग्जाम में फेल होने पर युवक ने गूगल से मांगा 75 लाख रुपये का हर्जाना. कोर्ट ने याचिका पर लगाया जुर्माना.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक अजब गजब मामला सामने आया. जहां एक शख्स से मध्यप्रदेश परीक्षा में फेल होने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी. उसने अपनी अर्जी में कहा कि वह यूट्यूब (Youtube) पर दिखने वाले सेक्सुअल एड की वजह से फेल हो गया.उसने अर्जी में गूगल से 75 लाख रुपये जुर्माने के रूप में दिलाने की मांग की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई. इसके साथ ही शख्स पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. हालांकि शख्स ने रिक्वेस्ट करने पर सुप्रीम कोर्ट ने इस जुर्माने को 25 हजार रुपये कर दिया. 

दरअसल, आनंद किशोर चौधरी नाम का शख्स मध्यप्रदेश पुलिस एग्जाम में फेल हो गया. उसने इसका ठीकरा यूट्यूब पर वीडियो से पहले आने वाले सेक्सुअल एड पर फोड़ दिया. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की. इसमें उसने यूट्यूब की मालिकाना कंपनी गूगल (Google) से जुर्माने के रूप में 75 लाख रुपये दिलाने की मांग की. इस पीआईएल को देखते ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Judge) के जज नाराज हो गए. उन्होंने याचिकाकर्ता पर जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि यह पीआईएल पूरी तरह से पब्लिसिटी पाने के लिए दाखिल की गई है. यह बहुत ही गलत तरीका है. 

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एड नहीं है पसंद तो इग्नोर कर दें

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल और एस ओका की बेंच ने आनंद किशोर नाम के शख्स की पीआईएल को देखते ही खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का समय बर्बाद करना है. यह पीआईएल को गलत इस्तेमाल है. उन्होंने याचिकाकर्ता की गुहार पर कहा कि अगर आप को एड पसंद नहीं है तो मत देखिए, आप वह ऐड क्यों देखते हैं जो आपका ध्यान भटकाता है.

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याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना

जज ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया. इस पर याचिककर्ता ने माफी मांगते हुए जुर्माना राशी को माफ करने की अपील की. जस्टिस कौल ने कहा कि आपको लगता है कि पब्लिसिटी के लिए आप कभी भी कोर्ट आ सकते हो! मैं जुर्माना कम कर देता हूँ पर माफ नहीं करुंगा. इसके साथ ही कोर्ट ने जुर्माना 1 लाख से घटाकर 25 हजार कर दिया. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके पास रोजगार नहीं है, जुर्माना नहीं दे पाएगा, लेकिन कोर्ट ने जुर्माना पूरी तरह माफ करने से इंकार करते हुए कहा कि आपके पास रोजगार नहीं है, तो हम रिकवरी करेगे.

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