तमिलनाडु में राजभवन पर शख्स ने फेंका पेट्रोल बम, अधिकारियों में मचा हड़कंप

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 25, 2023, 07:01 PM IST

Tamil Nadu Raj Bhavan
 

Tamil Nadu News: पुलिस ने राजभवन पर बम फेंकने वाले संदिग्ध को हिरासत में ले लिया है. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसने राजभवन पर पेट्रोल बम क्यों फेंका.

डीएनए हिंदी: तमिलनाडु में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया जब राजभवन पर एक शख्स ने पेट्रोल बम फेंक दिया. बम राजभवन के मुख्य गेट पर ही फट गया. पुलिस ने बताया कि पेट्रोल बम फेंकने वाले संदिग्द को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. फिलहाल पुलिस आरोपी से बम फेंकने के मकसद के बारे में पूछताछ कर रही है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले में डीएमके सरकार पर सवाल उठा रही है. बीजेपी प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि यह घटना "तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को दर्शाती है.

पुलिस ने बताया कि चेन्नई में राजभवन के गेट पर पेट्रोल बम फेंके जाने की घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ और न कोई हताहत है. उन्होंने बताया कि बम फेंकने वाले आरोपी करुक्का विनोद को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी पिछले महीने विधानसभा में पारित एनईईटी विरोधी विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर राज्यपाल आरएन रवि से नाराज था. उसने राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी भी की.

डीएमके ने बीजेपी-AIADMK को घेरा
उधर, तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) ने बुधवार को आरोप लगाया कि अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) प्रमुख ई. के. पलानीस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्यपाल आर एन रवि का विरोध नहीं किया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के प्रति उनका विरोध एक नाटक है. द्रमुक के आधिकारिक तमिल मुखपत्र 'मुरासोली' ने पलानीस्वामी की उस प्रतिक्रिया का उल्लेख किया, जो उन्होंने तब जतायी थी जब उनसे आर्य-द्रविड़ विमर्श के बारे में राज्यपाल रवि की टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था.

ये भी पढ़ें- 'INDIA नहीं अब पढ़िए भारत', NCERT पैनल ने की नाम बदलने की सिफारिश

‘मुरासोली’ में कहा गया है कि अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता ने भाजपा और पार्टी के ‘प्रतिनिधि’ के तौर पर कार्य करने वाले रवि का विरोध करने के लिए 'संघर्ष' किया. आर्यन-द्रविड़ विवाद को लेकर राज्यपाल रवि की टिप्पणी के संदर्भ में पलानीस्वामी के जवाब का जिक्र करते हुए द्रमुक की आधिकारिक तमिल पत्रिका 'मुरासोली' ने कहा है कि अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता पलानीस्वामी को भाजपा और रवि का विरोध करने में परेशानी हुई. इसके अलावा, 'मुरासोली' की ओर से सवाल किया गया, ‘क्या इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि भाजपा का विरोध करने का पलानीस्वामी का रुख एक सुनियोजित नाटक है.’ 

राज्यपाल आरएन रवि ने 23 अक्टूबर को संकेत दिया था कि आर्य और द्रविड़ नस्ल जैसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा था कि इसलिए नस्ली विभाजन के दावे एक झूठी कहानी हैं और उन्होंने इसके लिए समानांतर इतिहास लिखने के प्रयासों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने दावा किया था कि अंग्रेजों द्वारा आर्य-द्रविड़ नस्ली विभाजन की झूठी कहानी को बढ़ावा देने की 'राजनीतिक साजिश' के कारण मारुतु बंधुओं और मुतुरामलिंग तेवर जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का कद कम करके उन्हें जाति आधारित नेताओं तक सीमित कर दिया गया. डीएमके मुखपत्र ने एआईएडीएमके का नेतृत्व करने के बावजूद द्रविड़ विचारधारा पर नहीं बोलने के लिए विपक्ष के नेता पलानीस्वामी पर निशाना साधा. (भाषा इनपुट के साथ)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.