डीएनए हिंदी: आईवीएफ तकनीक से हजारों परिवारों को खुशियां मिली हैं. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 30 साल पहले हुआ था. साल 1994 में चेंबूर के एक अस्पताल में लव सिंह नाम के इस शख्स का जन्म हुआ था. अब 30 साल के बाद यही शख्स पिता बना है और उसके बच्चे का जन्म भी इसी अस्पताल में हुआ है. रोचक बात यह है कि IVF के जरिए पैदा हुआ यह शख्स ICSI तकनीक के जरिए पैदा हुआ था और उस समय यह बच्चा इस तकनीक के जरिए पैदा होने वाला देश का पहला बच्चा बना था.
अब यही लव सिंह खुद पिता बने हैं. पेशे से प्रॉपर्टी लॉयर लव सिंह की पत्नी ने चेंबूर के जसलोक अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया है. लव सिंह ने अपने बेटे की डिलीवरी के लिए उन्हीं डॉ. फिरुजा पारिख को चुना जो 30 साल पहले भारत में ICSI तकनीक लेकर आई थीं. इस बारे में डॉ. फिरुजा पारिख ने कहा, 'लव सिंह के बच्चे के कंसीव होने की प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक थी लेकिन वे मुझे अपना परिवार मानते हैं इसलिए उन्होंने इसके लिए मुझे चुना.'
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शादी और बर्थडे में भी जाती रहीं हैं डॉक्टर
बताया गया कि 2019 में जब लव सिंह ने शादी की तब भी डॉ. फिरुजा उसमें शामिल हुई थीं. इतना ही नहीं, लव की बर्थडे पार्टी में भी फिरुजा हमेशा जाती रही हैं. लव की पत्नी हरलीन M. Com. की पढ़ाई कर रही थीं. इस कपल ने पहले हरलीन की पढ़ाई पूरी होने का इंतजार किया फिर माता-पिता बनने का फैसला किया.
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1989 में येल यूनिवर्सिटी से लौटी डॉ. पारिख ही भारत में ICSI तकनीक लेकर आई थीं. उन्होंने सिर्फ एक स्पर्म से ही फर्टिलाइजेशन को संभव बनाने का कारनाम करके दिखाया था. इस तरह 1990 में लव सिंह दक्षिण एशिया के पहले बच्चे बने थे जो इस तकनीक के जरिए पैदा हुए.
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