हिमाचल प्रदेश में आने वाली मंडी लोकसभा सीट का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा. इसके पीछे की वजह है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बॉलीवुड क्वीन और अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली कंगना रनौत को टिकट दिया है. अपने नाम का ऐलान होने के बाद से ही वह मंडी की गलियों में प्रचार कर रहीं हैं और लोगों से खुद को मंडी की बेटी बताते हुए वोट मांग रही हैं. उनकी इस अपील को जनता कितना सुनती है, यह तो आने वाला वक़्त बताएगा. वहीं, अब तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सीट पर कांग्रेस मौजूदा सांसद प्रतिभा सिंह को अपना उम्मीदवार बनाएगी. प्रतिभा सिंह मौजूदा समय मे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं.
प्रतिभा सिंह की बात करें तो उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन अब उन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. अब देखना है कि कांग्रेस किसको इस सीट से मैदान में उतारती है. इतिहास की बात करें तो यह संसदीय क्षेत्र 1971 से उनके परिवार की कर्मभूमि रही है. उन्होंने 1998 में यहां पहला चुनाव लड़ा था. जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और इसके बाद 2004 में दूसरा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में यह सीट उनकी झोली में आई थी.
इस सीट पर कांग्रेस का रहा है कई बार कब्जा
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मंडी सीट से बीजेपी राम स्वरूप शर्मा ने जीत हासिल की थी. इस चुनाव में राम स्वरूप शर्मा को 362824 वोट मिले थे जबकि उनके निकटम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को 322968 वोट हासिल हुए थे. हालांकि साल 2021 में इस सीट पर उपचुनाव कराए गए जिसमें कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने बीजेपी के ब्रिगेडियर खुशाल सिंह को करीब 13 हज़ार वोटों से हरा दिया है. इस सीट पर अब तक 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है. इस सीट को लेकर यह भी दावा किया जाता है कि मंडी सीट पर जिस पार्टी का उम्मीदवार जीत दर्ज करता है, केंद्र में उसकी ही सरकार बनती है. साल 1951 से 2019 तक तो यही ट्रेंड देखने को मिला है. हालांकि दो बार इस सीट पर उपचुनाव भी हुए हैं, जिसमें ऐसा रिजल्ट नहीं रहा है.
जानिए जातीय समीकरण
अगर मंडी लोकसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट पर 33.6 फीसदी राजपूत आबादी है. जबकि 21.4 फीसदी ब्राह्मण आबादी है. मंडी में अनुसूचित जाति की आबादी 29.85 फीसदी है लेकिन इस सीट पर अब तक सिर्फ एक बार अनुसूचित जाति का सांसद चुना गया है. गोपी राम साल 1952 आम चुनाव में पहली बार सांसद बने थे. मंडी लोकसभा क्षेत्र में 17 विधानसभा सीटें आती हैं. जिसमें से 12 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं.
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