मणिपुर के जिरीबाम (Jiribam)में पुलिस स्टेशन उड़ाने के लिए आए 11 कुकी उग्रवादियों (Kuki Millitants) के मारे जाने के बाद से तनाव अपने चरम पर है. पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती चप्पे-चप्पे पर की गई है. जिरीबाम में कर्फ्यू भी लगाया गया है. उग्रवादियों के मारे जाने के बाद कुकी-जो काउंसिल ने 12 नवंबर को बंद का ऐलान भी किया है. सामान्य जनजीवन पूरी तरह से ठप हो चुका है और लोग घरों में सहमे हुए हैं.
इंफाल घाटी में जातीय संघर्ष की वजह से तनाव
मणिपुर की इंफाल घाटी में जातीय संघर्ष की स्थिति लंबे समय से बनी हुई है. उग्रवादी संगठनों की ओर से आए दिन की जाने वाली गोलीबारी की वजह से लोगों के लिए घर से निकलना और खेतों में काम करना भी मुश्किल हो रहा है. सोमवार को भी खेत में काम कर रहे किसानों पर गोलीबारी की गई थी. इस हमले में एक किसान घायल हो गया है. पिछले 3 दिनों से घाटी के अलग-अलग हिस्सों में गोलीबारी की गई घटनाएं हुई हैं.
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मणिपुर में जातीय संघर्ष की वजह से दशकों से तनाव चल रहा है. पिछले कुछ दिनों में कुकी उग्रवादियों के अलग-अलग समूह ने इंफाल घाटी के कई हिस्सों में गोलीबारी की है. सुरक्षा बलों का कहना है कि लगातार होने वाली गोलीबारी की वजह से किसानों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. लोग खेतों में काम करने के लिए जाने में भी डर रहे हैं. जिरीबाम में हुई घटना के बाद एहतियात के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है.
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