डीएनए हिंदी: मणिपुर में 29 जून को हुए भूस्खलन में अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां बड़े पैमाने पर रेस्क्यू का काम जारी है. अब तक 13 सेना के जवानों और 5 आम नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है. इसी के साथ 15 सेना के जवान और 5 लोगों के शव भी बरामद हो चुके हैं. इस बीच शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसे मणिपुर के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना बताया है.
उन्होंने कहा कि मणिपुर के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. इस दुर्घटना के बाद अब रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने में भी 2-3 दिन लगेंगे. सीएम ने कहा, 'अब तक हम 81 लोगों को खो चुके हैं. इनमें से 18 सेना के जवान थे और 55 लोग अब तक फंसे हैं
मणिपुर के नोनी में बुधवार रात टुपुल रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन हुआ था. इस दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज नोनी आर्मी अस्पताल में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार मुआवजे की घोषणा की है. उन्होंने घटना स्थल का दौरा करते हुए इसे प्रदेश के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना बताया है.
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जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
यह हादसा तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में बुधवार की रात हुआ था. स्थानीय प्रशासन और दूसरी रेस्क्यू टीमें बड़े अर्थमूवर का इस्तेमाल कर रही हैं. मिट्टी हटाने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है.
कैसे मची मणिपुर में भीषण तबाही?
भूस्खलन के बाद भारी मलबा शिविर पर गिरा और ईजेई नदी का रास्ता बंद हो गया. घटनास्थल पर जलाशय बन गया है और निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) के साथ मणिपुर की स्थिति की समीक्षा भी की थी. पीएम ने वादा किया केंद्र सरकार, राज्य सरकार की हर संभव मदद करेगी.
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