मणिपुर (Manipur) में पिछले साल चार मई को दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड कराई गई थी. इस परेड का वीडियो इस घटना के दो महीने बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद इसको लेकर खूब हंगामा मचा था. अब नया अपडेट ये है कि CBI की चार्जशीट में इस घटना को लेकर नए खुलासे हुए हैं. CBI की चार्जशीट के मुताबिक मणिपुर के कांगपोकपी जिले में इन महिलाओं ने पुलिसकर्मियों के पास जाकर उनसे मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने इन दोनों कूकी महिलाओं को सुरक्षा देने की जगह करीब 1000 मेइती दंगाइयों की भीड़ को सौंप दिया था. इस चार्जशीट में कहा गया है कि इसके बाद दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था. यह घटना राज्य में जातीय हिंसा के दौरान की है.
चार्जशीट में क्या सब कहा गया है?
इस मामले को लेकर CBI की चार्जशीट के भीतर डिटेल में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि पीड़िताओं में से एक के पति तो फौजी थे, और करगिल जंग में शामिल रहे हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि 'महिलाओं ने पुलिसवालों से मदद मांगी थी, और उन्हें पुलिस की गाड़ी से किसी सुरक्षित जगह तक पहुंचाने के लिए कहा था. वहीं पुलिसवालों ने इनकी मदद करने के बदले इन्हें भीड़ के हाथों सौंप दिया.' इस चार्जशीट में आगे कहा गया है कि 'भीड़ में लोगों के पास राइफल, एसएलआर और इंसास जैसे आधुनिक हथियार थे. उनकी संख्या करीब एक हजार थी. इस भीड़ से बचने के लिए दोनों पीड़िता भाग रही थीं.' चार्जशीट में लिखा है कि ये भीड़ सैकुल थाने से करीब 68 किमी दक्षिण में मौजूद उनके गांव में जबरदस्ती पहुंच गई थी. इस भीड़ के डर से सभी पीड़िता नजदीक के जंगल में चली गई. दंगाई उनका पीछा करते रहे. इसके बाद ये महिलाएं सड़क के समीप उपस्थित पुलिसवालों के पास उनसे सुरक्षा मांगने चली गई थी, और उन पुलिसवालों के वाहन में घुस गई. वहीं, पुलिसवालों ने उन्हें मदद करने की जगह उल्टा दंगाइयों के हवाले कर दिया.' चार्जशीट में कहा गया कि 'भीड़ में मौजूद दंगाई पीड़िता को वहां से लेकर चले गए, और उनका यौन उत्पीड़न करने से पहले उन्हें परेड कराया था.'
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