डीएनए हिंदी: मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच तनाव जारी है. ऐसे में सामने आई खुफिया रिपोर्ट में खतरे की आशंका जताई गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपुर में कुछ आतंकी समूह फिर से एक्टिव हो रहे हैं. इसके साथ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने मणिपुर राज्य में चल रही जातीय हिंसा के बीच तनाव फैलाने के लिए किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ में आतंकवादियों के शामिल होने की संभावना के बारे में भी चेतावनी दी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि प्रतिबंधित समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े आतंकवादी कथित तौर पर उसे भीड़ का हिस्सा थे, जिसने मणिपुर में एक सैन्य अधिकारी पर गोली चलाई थी. अधिकारियों द्वारा यह चेतावनी पिछले हफ्ते सेना के 1 लेफ्टिनेंट कर्नल की घायल होने के बाद आई है, जो लोगों के एक समूह के साथ टकराव के दौरान घायल हो गए थे.
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मणिपुर में फिर से सक्रिय हुए आतंकी संगठन
अधिकारियों का कहना है कि प्रतिबंधित समूह UNLF और PLA के आतंकवादी कथित तौर पर इस भीड़ में शामिल थे. अधिकारियों ने बताया है कि इस समय यूएनएफ के कदर की संख्या 330 है. इसके साथ पीएलए के पास के पास 300 कैडर हैं, जो बहुसंख्यक समुदाय के समूह के अंदर सक्रिय है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इन प्रतिबंधित गुटों के कैडरों को मिल रहा जबरदस्त समर्थन 24 जून को उसे वक्त दिखाई दिया था, जब सी और असम राइफल्स ने खुफिया जानकारी के आधार पर पूर्वी इंफाल में KYKL के 12 सदस्यों को पकड़ा था.
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मणिपुर हिंसा में जा चुकी है इतनी जान
3 मई को मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया था कि मणिपुर में 6 हजार 523 FIR दर्ज की गई हैं. इनमें से 11 केस महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़े हैं. 65 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं. 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं. पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं हैं.
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