Manipur Violence: राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू में छूट, शाह की वार्निंग के बाद एके-47, ग्रेनेड लॉन्चर जैसे 140 हथियार सरेंडर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 02, 2023, 05:50 PM IST

Manipur Violence

Manipur Clash: मणिपुर में हिंसा के बीच चार दिन के दौरे पर आए अमित शाह ने 1 जून को वापसी से पहले सभी पक्षों से मिलकर शांति की अपील की थी.

डीएनए हिंदी: Manipur News- मणिपुर में करीब एक महीने से चल रही सामुदायिक हिंसा में थोड़ी राहत मिलती दिख रही है. शुक्रवार को राज्य के 11 जिलों में कर्फ्यू में छूट दी गई. इस दौरान कहीं से भी किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं मिली है. उधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अपील का भी असर दिखने लगा है. राज्य में शुक्रवार को करीब 140 हथियार सरेंडर किए गए हैं. इससे शांति बनने की राह दिखने लगी है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि अभी कोई रिस्क नहीं लिया जाएगा और कर्फ्यू को बरकरार रखा जाएगा, लेकिन धीरे-धीरे इसमें ढील का समय बढ़ाया जाएगा. बता दें कि 3 मई को शुरू हुई राज्य में हिंसा के दौरान अब तक 98 लोगों की आधिकारिक तौर पर मौत दर्ज की गई है, जबकि 310 लोग घायल हुए हैं. इस दौरान कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष के चलते घरों, दुकानों व गाड़ियों में आगजनी की करीब 4,000 घटनाएं दर्ज की गई हैं. 

कहां-कहां मिली कर्फ्यू में छूट

इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर जिलों में 12 घंटे के लिए कर्फ्यू में छूट दी गई, जबकि जिरीबाम में सुबह 8 बजे से 4 बजे तक 8 घंटे की छूट दी गई. इसी तरह थोउबाल और काकचिंग में सुबह 5 बजे से 12 बजे तक 7 घंटे के लिए, जबकि चूराचंदपुर और चंदेल जिलो में सुबह 5 बजे से दोपहर 3 बजे तक 10 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील रखी गई. तेंगनोउपाल जिले में सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक 8 घंटे, कांगपोकपी में सुबह 6 बजे से दोपहर 5 बजे तक करीब 11 घंटे और फेरजॉल जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक करीब 12 घंटे कर्फ्यू में ढील रही. राज्य के तामेंगलॉन्ग, नोने, सेनापति, उखरूल और कामजोंग जिलों में अब कर्फ्यू नहीं है, जो इन इलाकों के सामान्य हालात में लौटने का संकेत दे रहा है. 

सरेंडर हथियारों में कुछ बेहद खतरनाक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दौरे में दंगाइयों से हथियार सरेंडर करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि इसके बाद 2 जून से सर्च ऑपरेशन में जो भी हथियार के साथ मिलेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि शाह की अपील के बाद दंगाइयों ने 140 से ज्यादा हथियार और हैंड ग्रेनेड सरेंडर किए हैं. इन हथियारों में SLR 29, कार्बाइन, AK, इंसास राइफल, एक ग्रेनेड लॉन्चर, M16 जैसी हाईटेक राइफल्स हैं. सबसे ज्यादा 102 हथियार इंफाल ईस्ट जिले में सरेंडर किए गए हैं. बता दें कि इनमें से ज्यादातर हथियार दंगे के दौरान सुरक्षाबलों से लूटे गए थे. सुरक्षाबलों से 2,000 से ज्यादा हथियार लूटे जाने की जानकारी सामने आई है. एक अधिकारी के मुताबिक, सरेंडर किए गए हथियारों में से अधिकतर प्रतिबंधित कैटेगरी के हैं. 

चार दिन के दौरे में शाह ने किया था ये काम

अमित शाह ने 1 जून को खत्म हुए चार दिन के दौरे में कुकी और मैतेई समुदाय के नेताओं से मुलाकात की थी. इसके अलावा वे हिंसा पीड़ितों से भी मिले थे. उन्होंने हिंसा की रिटायर्ड हाई कोर्ट जस्टिस के अलावा सीबीआई से जांच कराने की घोषणा की थी. साथ ही लोगों से अपने पास मौजूद हथियार सरेंडर करने को कहा था. शाह ने कहा था कि इसके बाद सुरक्षा बल हथियारों की बरामदगी के लिए 2 जून से सर्च ऑपरेशन शुरू करेंगे और तब किसी के पास हथियार मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उग्रवादियों को भी कहा था सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस पैक्ट फॉलो करने को

ताजा हिंसा के पीछे मणिपुर के कुकी उग्रवादी संगठनों का हाथ होने की खुफिया सूचना मिली थी. इसके बाद शाह ने उग्रवादी समूहों को भी मणिपुर दौरे के दौरान चेतावनी दी थी. उन्होंने उग्रवादी समूहों से सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SOO) पैक्ट के नियमों को फॉलो करने के लिए कहा था. साथ ही चेतावनी दी थी कि नियम तोड़े गए तो कठोर कार्रवाई होगी.

बता दें कि साल 20008 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने दो कूकी समूहों United People's Front (UPF) and Kuki National Organisation (KNO) के साथ सस्पेंशन पैक्ट किया था. इन दोनों ग्रुपों से जुड़े कुल 24 संगठनों ने इस SOO पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे. इन ग्रुप्स के लगभग 2,200 कैडर हैं. एक अधिकारी के मुताबिक, इन आतंकियों ने पैक्ट पर साइन किए थे, लेकिन अपने  हथियार सरेंडर नहीं किए थे.

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