डीएनए हिंदी: पिछले चार महीने से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है. अब कांगपोकपी जिले में प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों के सदस्यों ने तीन लोगों को गोली मारकर उनकी जान ले ली है. इस गोलीबारी में जाने गंवाने वाले लोग कुकी-जो समुदाय से थे. रिपोर्ट के मुताबिक, एक गाड़ी में आए इन हमलावरों ने गांव के लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिससे इन तीनों की जान चली गई. मंगलवार सुबह हुई इस घटना के बाद राज्य और केंद्र सरकार के शांति के दावों पर एक बार फिर से सवाल उठने लगे हैं. साथ ही, लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं.
अधिकारियों ने बताया कि हमलावर एक वाहन में आए और उन्होंने इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिलों के सीमावर्ती इलाकों में स्थित इरेंग और करम इलाकों के बीच ग्रामीणों पर हमला किया. यह गांव पहाड़ों में स्थित है और यहां जनजातीय लोगों का प्रभुत्व है. मणिपुर में इस साल 3 मई से ही बहुसंख्यक मेइती और जनजातीय कुकी समुदायों के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं और अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
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चार दिन पहले भी हुई थी गोलीबारी
इस गोलीबारी के बारे में एक अधिकारी ने कहा, 'अभी हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है. हम केवल इतना जानते हैं कि घटना सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट पर हुई जब अज्ञात लोगों ने इरेंग और करम वैफेई के बीच एक इलाके में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी.' इससे पहले 8 सितंबर को मणिपुर में तेंगनोउपल जिले के पल्लेल इलाके में भड़की हिंसा में तीन लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे.
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बता दें मणिपुर में मई से ही कुकी और मेइती समुदाय के बीच हिंसा जारी है जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों लोग बेघर भी हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने संसद में भी खूब हंगामा किया और पूरा संसद सत्र ही हंगामे की भेट चढ़ गया. इसी मुद्दे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और आखिर में पीएम मोदी को इस पर जवाब भी देना पड़ा था.
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