मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, म्यांमार बॉर्डर पर बसे Moreh में 30 घरों और दुकानों में लगाई आग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 27, 2023, 07:07 AM IST

Moreh Fire Attack

Manipur Moreh Violence: म्यांमार की सीमा पर बसे शहर मोरे में 30 से ज्यादा घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. हालांकि, इस आगजनी में किसी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

डीएनए हिंदी: मणिपुर का मोरे शहर म्यांमार के साथ रिश्तों के लिए बेहद अहम है. इसी शहर से होते हुए लोग म्यांमार जाते हैं. अब मणिपुर में जारी हिंसा ने इस गांव को भी चपेट में ले लिया है. बुधवार को सशस्त्र हमलावरों के एक ग्रुप ने मोरे में 30 से ज्यादा घरों और दुकानों में आग लगा दी. आगजनी और हमले की सूचना मिलते ही पहुंचे सुरक्षा बलों ने तुरंत वहां से हमलावरों को भगा दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों के जवान जब पहुंचे तो हमलावरों ने फायरिंग भी की. तुरंत जवाबी फायरिंग हुई और हमलावर वहां से भागने को मजबूर हो गई. हमलावरों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

जातीय हिंसा को देखते हुए मणिपुर की राजधानी इंफाल से 110 किमी दक्षिण में और सागांग क्षेत्र में म्यांमार के सबसे बड़े सीमावर्ती शहर तामू से सिर्फ चार किमी पश्चिम में स्थित एक सीमावर्ती शहर मोरेह में अधिकांश लोगों ने अपने घर और दुकानें छोड़ दी थीं. आगजनी की घटना सुरक्षा बलों द्वारा कर्मियों के परिवहन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दो खाली बसों को कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा जलाए जाने के एक दिन बाद हुई. ये बसें मंगलवार शाम को दीमापुर (नागालैंड) से आ रही थीं. इस आगजनी में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.

यह भी पढ़ें- मणिपुर के सवाल पर राज्यसभा में भड़कीं स्मृति ईरानी, राहुल गांधी पर लगाए ऐसे आरोप

विस्थापित लोगों के लिए बनाए जा रहे हैं घर
इस बीच, मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने कहा कि इंफाल के सजीवा और थौबल जिले के याइथिबी लोकोल में अस्थायी घरों का निर्माण पूरा होने वाला है. उन्होंने ट्वीट किया, 'हालिया हिंसा से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास की दिशा में हमारे ठोस प्रयास में सजीवा और यैथिबी लौकोल में अस्थायी घरों का निर्माण पूरा होने वाला है. बहुत जल्द राहत शिविरों से परिवार इन घरों में जा सकेंगे. राज्य सरकार पहाड़ियों और घाटी दोनों में हालिया हिंसा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए हर संभव उपाय कर रही है.'

सीएम एन बीरेन सिंह ने पहले कहा था कि उनकी सरकार 3 मई से मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों को समायोजित करने के लिए लगभग 4,000 पूर्व-निर्मित घरों का निर्माण करेगी. गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय के लोगों के बीच जातीय संघर्ष में विभिन्न समुदायों के 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और 600 से ज्यादा घायल हो गए और संपत्तियों और घरों का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है.

यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी में ASI सर्वे पर रोक बरकरार, हाईकोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई

मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को हिंसा भड़क उठी जो अब तक जारी है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Manipur violence Moreh City N Biren Singh meitei vs kuki