डीएनए हिंदी: मणिपुर में हिंसक घटनाएं लगातार जारी हैं. अब चुड़ाचांदपुर से आगजनी की खबरें सामने आई हैं. तोरबुंग बाजार इलाके में हथियारबंद बदमाशों ने महिलाओं के एक गुट की अगुवाई में एक स्कूल समेत दर्जनों घरों में आग लगा दी. इस दौरान कई राउंड गोलियां चलाई गईं और देसी बम भी फेंके गए. इस भीड़ ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक गाड़ी ले जाने की कोशिश भी की लेकिन बीएसएफ के जवानों और स्थानीय लोगों की मदद से उनका इसे प्रयास को विफल कर दिया गया. जिस स्कूल को आग लगाई गई उसकी ओर से कहा गया है कि आगजनी की चलते लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पुलिस ने बताया कि बदमाशों की भीड़ के आगे सैकड़ों महिलाएं चल रही थीं और ऐसा बताया जा रहा है कि ये महिलाएं मानव ढाल का काम कर रही थीं. भीड़ ने शनिवार शाम को किए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके. तोरबुंग बाजार में स्थित जिस स्कूल में आग लगाई गई, उसका नाम चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल है. एक स्थानीय ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हमने जब देखा कि सैकड़ों महिलाओं की अगुवाई में भीड़ आगे बढ़ रही है, तो हम गोलीबारी का जबाव देने में हिचकिचाए लेकिन जब हमने उन्हें बीएसएफ की एक गाड़ी छीनने की कोशिश करते और हमारे मकान जलाते देखा तो हमें लगा कि हमें भी जवाब देना होगा.'
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लगातार जारी है हिंसा
बाद में भीड़ ने बीएसएफ का एक वाहन भी ले जाने की कोशिश की लेकिन बीएसएफ और इलाके में तैनात स्थानीय स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई के कारण उनका प्रयास असफल रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, क्वाक्ता इलाके में हुई गोलीबारी में एक महिला घायल हुई है जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. शनिवार के बाद रविवार को भी कई हिस्सों में गोलीबारी होती रही. जिस स्कूल में आग लगाई गई वहां के सारे फर्नीचर और किताबें तबाह हो गई हैं. गनीमत यह रही कि 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से ही स्कूल बंद है.
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बता दें कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत से ही हिंसा जारी है. इन हिंसक घटनाओं में कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. कई घरों, दफ्तरों और अन्य प्रतिष्ठानों में आगजनी की गई है. फिलहाल, इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला जा सका है.
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