डीएनए हिंदी: मणिपुर में लंबे समय से हिंसा जारी है. अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ सेना के जवान भी मणिपुर में तैनात हैं. इतनी भारी संख्या में फोर्स तैनात होने के बावजूद न तो हिंसा थम रही है और न ही शांति बहाल हो पा रही है. अब खबर सामने आई है कि हजारों महिलाओं ने सुरक्षाबलों को एक इलाके में घेर लिया था. इस तरह से घेरे जाने के बाद सुरक्षाबलों को अपना तलाशी अभियान रोकना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ उग्रवादियों को सुरक्षाबलो ने पकड़ा था लेकिन महिलाओं ने घेरकर उन उग्रवादियों को छुड़ा लिया.
रक्षा मंत्रालय की ओर जारी बयान के मुताबिक, सुरक्षाबलों के खास इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पूर्वी इंफाल जिले के इटहाम गांव में 24 जून को ऑपरेशन चलाया. इस ऑपरेशन में KYKL के 12 काडरों को हथियार, गोला-बारूद और युद्ध में इस्तेमाल होने वाली कई अन्य चीजें बरामद की गईं. इसमें स्वघोषित लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथम तांबा उर्फ उत्तम की पहचान की गई. यही शख्स साल 2015 में डोगरा की 6वीं बटालियन पर हमले का मास्टमाइंड था.
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12 उग्रवादियों को छोड़ने पर मजबूर हो गए सुरक्षाबल
आधिकारिक बयान में बताया गया कि इलाके में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चल ही रहा था कि महिलाओं की अगुवाई में 1200 से 1500 लोगों की भीड़ और स्थानीय नेताओं ने इलाके को घेर लिया और सुरक्षाबलों को अपना ऑपरेशन जारी करने से रोक दिया. सुरक्षाबलों ने बार-बार अपील भी की लेकिन वे नहीं माना. मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए और ऐसी स्थिति में होने वाले ऐक्शन से होने वाले खूनखराबे की आशंका को देखते हुए ग्राउंड पर मौजूद अधिकारियों ने इन 12 स्थानीय नेताओं को लोगो को सौंप देने का फैसला किया.
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इसके बाद सुरक्षाबलों ने उस इलाके को छोड़ दिया. साथ ही, बरामद किए गए हथियारों और युद्ध जैसी संरचनाओं को भी वहीं छोड़ दिया. भारतीय सेना ने मणिपुर के लोगों से अपील की है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति स्थापित करने में मदद करें.
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