मणिपुर में ड्रोन और रॉकेट के हमलों ने बढ़ाई चिंता, पूरी रात लाइट बुझाकर घरों में छिपे लोग

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Sep 07, 2024, 12:27 PM IST

मणिपुर में हिंसा. (सांकेतिक तस्वीर)

इससे पहले, 1 सितंबर को मणिपुर के कोत्रुक गांव में पहली बार ड्रोन का उपयोग हथियार के रूप में किया गया, जहां ताबड़तोड़ फायरिंग के साथ बम से हमले किए गए थे.

मणिपुर में हो रही हिंसा अब एक नया रूप ले रही है, जहां उग्रवादी अब रॉकेट और ड्रोन जैसी हाईटेक तकनीकों का सहारा ले रहे हैं. शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले में 10 घंटे के भीतर दो रॉकेट हमले दर्ज किए गए, जो चुराचांदपुर के निकट स्थित है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में शुक्रवार की रात को कई ड्रोन उड़ते हुए देखे गए. लगातार ड्रोन हमले को देखते हुए लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. इसी स्थिति को देखते हुए स्थानीय लोगों ने पूरी रात अपने घरों की लाइटें बंद कर दी.

ड्रोन के दहशत से सहमा मणिपुर 
कुकी इलाकों के उग्रवादियों की ओर से किए जा रहे ड्रोन और रॉकेट के हमले ने मणिपुर में फिर से चिंता बढ़ा दी है, लोग अपने ही घरों में लाइटें बंद करने को मजबूर हैं. लोगों के इलाके में ड्रोन और रॉकेट से हमला करना शुरू कर दिया है. इंफाल वेस्ट जिले के दो क्षेत्रों में ड्रोन और बम हमलों के बाद, नारायणसेना, पुखाओ, दोलाईथाबी और शांतिपुर के निवासियों में घबराहट जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस स्थिति को देखते हुए, सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बिष्णुपुर में रात के समय कई राउंड फायरिंग की भी घटनाएं सामने आईं, जिससे लोगों में और ज्यादा असमंजस की स्थिति पैदा हो गई.

फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि फायरिंग सुरक्षा बलों की ओर से हुई या उग्रवादियों द्वारा.लगातार ड्रोन हमले ने राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं. मैतेई लोगों में भी सरकार के प्रति नाराजगी दिख रही है, लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा सुरक्षा का हवाला देने के बावजूद हम पर हमले हो रहे हैं. बीते 1 सितंबर के हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बताया था कि इस तरह के हमले सिर्फ युद्ध के दौरान होते हैं, अधिकारियों का कहना था कि इस हमले के पीछे बेहद ट्रेंड लोग हो सकते हैं.

कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने जताई अपनी नाराजगी
गौरतलब है कि इससे पहले, 1 सितंबर को मणिपुर के कोत्रुक गांव में पहली बार ड्रोन का उपयोग हथियार के रूप में किया गया, जहां ताबड़तोड़ फायरिंग के साथ बम से  हमले किए गए थे. यह हमला कुकी समुदाय द्वारा पहाड़ी इलाकों से किया गया था, जिसमें दो लोगों की मौत और नौ अन्य घायल हो गए थे. इसके अगले ही दिन सेनजाम चिरांग में भी ड्रोन हमला हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हुए. राज्य में लगातार स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी के प्रवक्ता ने इसे कुकी समुदाय की बीते कुछ दिनों में आक्रमता में इजाफा कहा है.

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ड्रोन से बमबारी और मिसाइल हमलों में बहुत वृद्धि देखी गई है, जिनके पीछे कथित रूप से चिन-कुकी उग्रवादी समूहों का हाथ है. कमेटी ने आगे कहा कि मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री मरिमबाम कोइरेंग सिंह के आवास पर भी हमला हुआ, जिसके कारण उनकी प्रतिमा और घर को नुकसान पहुंचा है. राज्य में हालात बिगड़ चुके हैं और नियंत्रण में नहीं हैं. हालांकि केंद्रीय सुरक्षा बल पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात हैं, लेकिन वे मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं. कॉर्डिनेशन कमेटी ने राज्य में आपातकाल लागू किया है और नागरिकों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है.

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